यस बैंक से तिरुपति बालाजी ने पिछले माह ही 1300 करोड़ रु. निकाल लिए थे, लेकिन भगवान जगन्नाथ के 592 करोड़ रु. फंसे

नई दिल्ली / वित्तीय संकट में फंसे यस बैंक के ग्राहक घबराए हुए हैं। यस बैंक की शाखाओं और एटीएम पर शुक्रवार को ग्राहकाें की लंबी कतारें दिखीं। उसके एटीएम खाली हाे गए। लाेगाें में आक्राेश काे देखते हुए बैंक की शाखाओं पर पुलिस तैनात करनी पड़ी। दरअसल, आरबीआई ने गुरुवार से 3 अप्रैल तक बैंक से 50 हजार से ज्यादा निकासी पर राेक लगा दी है। बैंक संकट से तिरुपति बालाजी तो बच गए, क्योंकि उनके ट्रस्ट ने पिछले महीने ही अपने 1300 करोड़ रु. निकाल लिए थे। लेकिन, भगवान जगन्नाथ के 592 करोड़ रु. फंस गए हैं। उधर, ईडी ने शुक्रवार देर रात यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा। उनके बयान दर्ज किए गए। देर रात तक पूछताछ जारी थी। लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है, ताकि वह देश न छोड़ सकें। आरबीआई ने यस बैंक का रेस्क्यू प्लान पेश कर लिया है।’ आरबीआई के प्लान में एसबीआई में अहम भूमिका है।


प्लान की 5 प्रमुख बातें...
1. एसबीआई 2450 करोड़ रुपए का निवेश कर यस बैंक में 49% हिस्सेदारी खरीदेगा।


2. यस बैंक की अधिकृत पूंजी 50 हजार करोड़ रु. तय की गई है। हर शेयर का मूल्य 2 रुपए होगा।


3. नया बोर्ड बनेगा। इंवेस्टर बैंक यानी एसबीआई बोर्ड में दो डॉयरेक्टर नियुक्त कर सकेगा।


4. रिकंस्ट्रक्शन योजना से किसी खाताधारक की प्राप्तियों में बदलाव हुआ तो हर्जाना नहीं मिलेगा।


5. यस बैंक में काम कर रहे सारे कर्मचारियों की सेवाएं पहले की ही तरह जारी रहेंगी। 


दो साल पहले 80 हजार करोड़ रु. के मार्केट कैप वाला बैंक अब 4 हजार करोड़ का बचा


400 रु. वाला शेयर अब सिर्फ 16 रु. का है।


इन कंपनियों ने भी डुबोया यस बैंक का पैसा

































कंपनी          बैंक का एनपीए (करोड़ रु.)
 
डीएचएफएल    3,700
 
रिलायंस एडीए     3,300
 
आईएलएंडएफएस     2,442
 
कॉक्स एंड किंग्स     2,127
 
कैफे कॉफी डे     1,500
 
जेट एयरवेज     552

25 हजार करोड़ रु. कुल एनपीए है। यानी बैंक का पैसा कंपनियों में डूब गया।


बैंक का मार्केट कैप 4,131 करोड़ रु. है। सितंबर 2018 में 80 हजार करोड़ रु. था। यानी 76 हजार करोड़ रु. घटा है। 


 ग्राहकों के सवाल, विशेषज्ञ के जवाब  


सवाल : 5 लाख रुपए तक नहीं डूबने वाला बजटीय ऐलान क्या यस बैंक पर भी लागू होगा? 
जवाब : अभी नहीं। यह व्यवस्था दीवालिया की स्थिति के लिए है। यह शर्त तभी लागू होगी, जब आरबीआई बैंक को फेल घोेषित करे। निकासी पर पाबंदियां बैंक को बचाने का प्रयास है।
सवाल : यस बैंक में सैलरी अकाउंट वालों का क्या होगा? 
जवाब : वे भी 50 हजार रु. से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे। उन्हें तत्काल बैंक बदलना चाहिए। 
सवाल : ईएमआई, एसआईपी आदि पर क्या असर पड़ेगा ?
जवाब : बंदिशें हर तरह के ट्रांजेक्शन पर हैं। अगर पेमेंट 50 हजार से कम है तो असर नहीं पड़ेगा।
सवाल : यूपीआई, एनईएफटी आदि से लेन-देन हो सकेगा? 
जवाब : नहीं। यस बैंक में होने वाले सभी तरह के लेन-देन अब बंद कर दिए गए हैं। 
सवाल : क्या दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकलेगा? 
जवाब : नहीं। क्योंकि, यस बैंक के एटीएम बंद हैं। दूसरे बैंक के एटीएम पर यस बैंक के कार्ड नहीं चलेंगे। इसलिए ब्रांच में ही जाना होगा।
सवाल : जिनके चेक क्लीयरिंग में हैं, उनका क्या होगा? 
जवाब : यस बैंक के चेक बाउंस हो जाएंगे।
सवाल : यह समस्या पीएमसी बैंक की तरह है या अलग?
जवाब : पीएमसी बैंक का संकट इससे अलग था। वहां निवेशकों के नाम पर धोखा हुआ था। लोगों ने रकम लेकर छुपा ली थी। दूसरी बात यह भी है कि यस बैंक के लिए निकासी की सीमा 50 हजार रु. है, जबकि


पीएमसी के लिए यह सीमा 1000 रु. से शुरू हुई थी। यस बैंक के लिए मोरैटोरियम पीरियड 30 दिन है, जबकि पीएमसी के लिए यह 6 माह था।
सवाल : अब यस बैंक का भविष्य क्या है?
जवाब : यह उसके रेस्क्यू प्लान की सफलता पर निर्भर करेगा। दो ही रास्ते हैं। एक तो यह कि बैंक उबर जाए। इसके लिए बैंक में निवेश चाहिए। दूसरा रास्ता यह कि किसी दूसरे बैंक में उसका विलय हो जाए।


प्रो. आशीष दास, आईआईटी बॉम्बे, बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- ‘ग्राहक घबराएं नहीं। यस बैंक में जमा एक भी पैसा नहीं डूबेगा। मैं भरोसा दिलाती हूं कि हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है। जल्द समाधान होगा।