वृद्धाश्रम, अंधाश्रम व गरीब बस्तियाें में करते हैं तीमारदारी

ग्वालियर / डॉक्टरों का एक परिवार, जिसमें सब अलग-अलग विधा के विशेषज्ञ हैं। यह डॉक्टर जब इकट्‌ठे होते हैं तो दूसरों की मदद के लिए घर से निकल पड़ते हैं। इस परिवार में सबसे बड़े हैं 66 साल के डॉ. अनूप कम्ठान। सीएमएचओ पद से सेवानिवृत्त डॉ. कम्ठान शिशु रोग विशेषज्ञ तथा फिजीशियन हैं। उनकी पत्नी डॉ. रेखा कम्ठान स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में वीआरएस ले लिया था। इसके बाद से दोनों ने अपने अनुभव का उपयोग ऐसे लोगों के इलाज के लिए शुरू कर दिया, जिन्हें उनकी जरूरत होती थी। डॉक्टर दंपती ने सप्ताह में एक दिन झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का इलाज शुरू किया, लेकिन वे अपने काम को आगे बढ़ाना चाहते थे। इसलिए डॉ. कम्ठान की बेटी डॉ. अदिति और दामाद डॉ. सुनील शर्मा भी उनके साथ सेवा कार्य में लग गए। डॉ. अदिति नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं जबकि डॉ. सुनील रेटिना विशेषज्ञ हैं। इनके साथ डॉ. कम्ठान के छोटे भाई की पत्नी डॉ. साधना कम्ठान भी हैं। डॉ. साधना मनोवैज्ञानिक हैं।


उन तक पहुंचना चाहते हैं, जिनकी कोई नहीं सुनता 
डॉ. अनूप कम्ठान कहते हैं कि उनका लक्ष्य ऐसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना है, जिनको उनकी जरूरत है। जो स्वास्थ्य समस्याओं के साथ अपना दुख भी बांटना चाहते हैं। इसलिए वह नारायण वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के इलाज के साथ-साथ उनका सुख-दुख सुनने के लिए पहुंचते हैं। चूंकि परिवार में हर विधा के डॉक्टर हैं इसलिए इलाज भी परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा वह माधव अंधाश्रम में भी जाते हैं। यहां 3 बच्चे ऐसे मिले हैं, जिनकी आंखों की रोशनी लौट सकती है। ऐसे बच्चों का इलाज भी आगे बढ़ाया जा रहा है।