हाेशंगाबाद / डाेलरिया का करीबी गांव पतलई कला देशसेवा के रंग में रंगा है। राजपूत समाज के बाहुल्य वाले गांव के 80 घराें ने 25 सैनिक देश काे दिए। गांव का बच्चा-बच्चा बचपन से सेना में जाने का जज्बा रखता है। हाल ही में गांव के अादर्श सिंह राजपूत, विशाल सिंह राजपूत, हिमांशु सिंह राजपूत और शुभम सिंह राजपूत सेना के लिए सिलेक्ट हुए हैं। पहली बार एकसाथ चार बेटाें के चयन पर पूरा गांव खुश है। चाराें के ट्रेनिंग पर जाने से पहले रविवार काे पूर्व सैनिकाें अाैर ग्रामीणाें ने रंग-गुलाल लगाकर हाेली खेली अाैर गांव के रामजानकी मंदिर में भंडारा किया। गांव के बच्चाें में पूर्व सैनिकाें की प्रेरणा से देशसेवा करने की ललक है। समाज के सक्षम लाेग भी जरूतमंद बच्चों की मदद करते हैं। नरेश सिंह राजपूत, अध्यक्ष क्षेत्रीय राजपूत समाज संगठन
गांव के युवा इसलिए प्रेरित : गांव के रिटायर्ड सैनिक युवाअाें के प्रेरणास्रोत हैं। गांव में सबसे पहले रमेशचंद्र राजपूत 1970 में सेना में गए। इसके बाद उनके भाई देवी सिंह राजूपत ने 1971 में फाैज ज्वाइन की। देवीसिंह के मुताबिक 1983 में वे बच्चे का एडमिशन कराने अाए थे, तब एक रात गांव में डाका पड़ गया। देवीसिंह ने डाकुअाें काे खदेड़ा अाैर ग्रामीणाें काे बचाया। तभी से हर बच्चा देश की सुरक्षा का जुनून रखने लगा।
गांव के ये वीर अभी फौज में संभाल रहे देश की सुरक्षा का जिम्मा
रोहित सिंह राजपूत
सुनील सिंह राजपूत
हनुमान सिंह राजपूत
अनिल सिंह राजपूत
रामसिंह राजपूत
नरेंद्र सिंह राजपूत
छत्रपाल सिंह राजपूत
दीपक चौहान
विपिन सिंह राजपूत
हरप्रताप सिंह राजपूत
यशवंत सिंह राजपूत
सतवान सिंह
अजीत सिंह