सिंधिया के इस्तीफे पर बोले अरुण यादव- उनके खानदान ने अंग्रेजों का साथ दिया था; अलका लांबा बोलीं- ड्राइविंग सीट वाले नेता अब बैक सीट पर बैठें

भोपाल / ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसकी कॉपी मंगलवार को ट्विटर पर पोस्ट की। हालांकि, इस पर तारीख 9 मार्च दर्ज है। यानी वे इसे एक दिन पहले ही लिख चुके थे। सिंधिया के फैसले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सिंधिया पर तंज कसा। यादव ने लिखा- ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे जरा भी अफसोस नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम के समय उनके खानदान ने अंग्रेजों का साथ दिया था। 


अरुण यादव ने क्या कहा?


ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।
सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,





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ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।
सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,









पटवारी ने भी तंज कसा


कांग्रेस नेता केके मिश्रा का भी विवादास्पद ट्वीट


 तहसीन पूनावाला ने क्या कहा
कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सिंधिया के इस्तीफे पर ट्वीट किया। कहा, “मुझे भरोसा है कि मध्य प्रदेश का सियासी संकट जल्द खत्म होगा और कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सिंधिया जी ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं। भारत के लिए सबसे जरूरी चीज है मोदीजी और शाहजी का हारना।


अधीर रंजन बोले- लालच कहां से कहां ले जाता है
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- भी कहां ले जाता है।







\ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफ़े पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी: कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं​​ कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा।







 




प्रशांत किशोर ने क्या कहा?
इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे पर कहा, “उन लोगों के लिए हैरान हूं जिन्हें कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के सरनेम पर आपत्ति होती थी। वही लोग आज सिंधिया के पार्टी छोड़ने को बड़ा झटका बता रहे हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि सिंधिया जननेता और प्रशासक के तौर पर बहुत बड़े नहीं हैं।


 अलका लांबा बोलीं- ड्राइविंग सीट वाले नेता बैक सीट पर बैठें
दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस में वापसी करने वाली नेता अलका लांबा ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव की मांग की। कहा..