रीड- घर-परिवार से ऊपर उठ सेवा को बनाया पहला लक्ष्य

ग्वालियर । समय के साथ समाज में महिलाओं की भूमिका अहम हो चुकी है। कई महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में हौसलों को बुलंद रख स्वयं को सशक्त कर दूसरी महिलाओं को भी सशक्त बनाने में दायित्व का निर्वाह कर रही हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हमने समाज की कुछ ऐसी महिलाओं से चर्चा कर उनके विचार जाने ।


स्वरोजगारः महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना मेरा लक्ष्य


कृषि विज्ञान केंद्र की विशेषज्ञ डॉ. सुरूचि सोनी ने महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए पिछले 9 सालों से ट्रेनिंग दे रही हैं। डॉ. सोनी ने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के लिए शहर तक न आना पड़े। वे अपने घर से ही रोजगार शुरू कर सकें इसलिए हम प्रतिमाह फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंसकरण) की संपूर्ण ट्रेनिंग देते हैं। अभी तक करीब 500 महिलाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराया है। इसमें महिलाओं को टमाटर कैचप, सॉस, जैम, जैली, शरबत, आवंला का मुरब्बा, कैंडी, लड्डू, बफी और सोयाबीन से पनीर बनाने के अलावा मटर को सालभर सुरक्षित रखने की प्रक्रिया भी विस्तार पूर्वक समझाई जाती है।


 

वुमन हाइजीनः बच्चियां को पढ़ाने का शौक बदला सेनेटरी पैड वितरण में


पैड वुमन फाउंडेशन की फाउंडर किरण वाजपेई ने बताया कि मुझे बचपन से ही छोटी बच्चियों को पढ़ाने का शौक था। शहर के पास स्थित एक गांव में हर रविवार को पढ़ाने जाया करती थी। एक दिन 18 साल की बच्ची ने आकर कहा कि आप हमें सामान देती हैं, लेकिन मैं चाहती हूं कि सेनेटरी पैड दो। कुछ महीने के उन दिनों में कपड़ा इस्तेमाल करना अच्छा नहीं लगता है। इस बात से मुझे बहुत पीड़ा हुई। इसके बाद इस फांउडेशन की शुरुआत हुई। उन्होंने बताया कि जो महिलाएं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करती हैं, उन्हें अब गांव की बेटियां ही इसके लिए जागरूक कर रही है। हर गांव में महिलाओं की जनसंख्या के अनुरूप 30-30 महिलाओं का ग्रुप बनाया। उनमें से ही एक को हम ग्रुप की लीडर बना देते है। वह गांव की महिलाओं की डिमांड हम तक पंहुचाती है और हम उसे पूरा कर देते हैं। पहले 4 महीने पैड फ्री दिए जाते हैं और उसके बाद 1 रुपए प्रति पैड देना होता है। जहां गांव की 70 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं किया करती थीं, वहीं अब 50 फीसदी इसका इस्तेमाल करने लगी हैं। फाउंडेशन ने 27 गांव गोद ले रखे हैं और टेलीविजन अभिनेत्री आभा परमार इसमें सहयोग करती हैं।


 

निशुल्क शिक्षाः अब शिक्षा मैं पैसा बाधक नहीं बनेगा इसलिए शुरू की निःशुल्क कोचिंग


महिलाओं को शिक्षा देने की बात तो हर कोई करता है, लेकिन इसे जमीनी स्तर पर ले जाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत होती है। आर्थिक हालात भी अच्छी शिक्षा में बाधा बनते हैं। किसी बेटी का सपना पैसों के कारण न टूटे इसलिए ज्योति शर्मा ने बेटियों के लिए निशुल्क कोचिंग शुरू की है। इसमें विधि विषय की छात्राओं को सिविल जज की परीक्षा की निशुल्क तैयारी कराई जाती है। इसका एक पक्ष यह भी है कि इसके जरिए कानून के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़े। इससे वे महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुखर हो सकेंगी। कोचिंग संचालन समिति हैप्पीनेस एंड अवेयरनेस मिशन क्लब की कार्यकारी अध्यक्ष व कोचिंग की प्रोजेक्ट मैनेजर ज्योति शर्मा करती हैं। अभी इसमें 30 लड़कियां शिक्षा ले रही हैं। पीएससी एक्सपर्ट मनोज शर्मा इसमें विशेष सहयोगी हैं।


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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
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