पथरीली जमीन पर प्रकृति का चढ़ा हरा रंग, इसलिए रंगीन बाल्टियों में लगाए 1800 पौधे, पानी की बचत के साथ सुरक्षा भी

बीना / ग्राम बसाहरी में क्रशर संचालक पुनीत समैया सरकारी पथरीली जमीन को हरा-भरा करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने डेढ़ एकड़ पथरीली जमीन पर पौधों को जीवित रखने के लिए नई तकनीक अपनाते हुए प्रत्येक पौधे के साथ 5 लीटर क्षमता वाली बाल्टियां लगाई गई हैं। इससे जहां पानी बच रहा है, वहीं बाल्टियों में भरा पानी पक्षियों के पीने के काम में भी आ रहा है। अभी तक 1800 पौधों में बाल्टियां लगाई जा चुकी हैं। इस नजारे को देख ऐसा लगता है, मानो होली के रंग एक साथ जमीन पर उतर आए हों। भविष्य में कुल 8 हजार पौधों में बाल्टियां लगाकर उन्हें जीवित रखने का लक्ष्य है।


 हर माह 8 टैंकर पानी की बचत


बाल्टियों को नीचे से काटकर उसके अंदर से पौधे को निकाला गया है। आधी बॉल्टी में मिट्टी भरी गई है। बॉल्टी के चारों तरफ भी मिट्टी लगाई गई है। इसमें पानी डालते ही सीधा पौधों में पहुंच जाता है व काफी समय तक भरा रहता है। पहले पानी फैलकर बर्बाद हो जाता था। पुनीत के मुताबिक, पहले गर्मी के दिनों में हर तीसरे दिन 5 हजार लीटर पानी का एक टैंकर लगता था।  अब 15 दिन में एक टैंकर पानी लग रहा है। करीब 8 टैंकर पानी हर माह बच रहा है।