ग्वालियर। नगर निगम के कर्मचारी ही ऑनलाइन पानी का बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को अपनी नौकरी अथवा कारोबार से समय निकालकर नगर निगम के कार्यालयों पर जाकर बिल जमा करना पड़ रहा है। कई केन्द्रों पर लंबी लाइनें लग रही हैं। शहर की जनता पर एक साथ 6 माह का 900 रुपए का पानी का बिल भेजा है। कई उपभोक्ता पिछले महीनों का बिल जमा कर चुके हैं। इसलिए वे संशोधन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। नगर निगम प्रशासन जल्द ही अपने बिल कलेक्टर(बीसी) को हैंड डिवाइस देने की योजना बना रहा है। इस डिवाइस से वे उपभोक्ता के घर पर ही पैसे लेकर कम्प्यूटराइज्ड रसीद दे देंगे।
चुनिंदा लोग की जमा कर रहे ऑनलाइन बिल
प्रदेश सरकार ने ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसी में संपत्तिकर व पानी का बिल जमा करने की सुविधा भी दी है। संपत्तिकर के लिए तो कर संग्रहक(टीसी) टेबलेट से मौके पर ही रसीद दे रहे हैं लेकिन बीसी इसके लिए पारंगत नही हैं। आमजन भी ऑनलाइन बिल जमा कर सकते हैं। लेकिन इसमें केवल वे लोग ही सफल हैं जो ऑनलाइन सिस्टम में पारंगत हैं। शहर के केवल 20 फीसदी उपभोक्ता ही ऑनलाइन बिल जमा कर पा रहे हैं। शेष उपभोक्ता निगम के पीएचई कार्यालयों पर जाकर लाइन में लगकर जमा कर रहे हैं। वहां बैठे कम्प्यूटर ऑपरेटर कम्प्यूटराइज्ड रसीद दे रहे हैं।
12 करोड़ की हुई वसूली
चालू वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने जलकर वसूली का लक्ष्य 26 करोड़ रखा है। लेकिन अब तक केवल 12 करोड़ की ही वसूली हो सकी है। शहर के घरेलू व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं, सरकारी व निजी संस्थाओं पर सौ करोड़ से ज्यादा जल कर बकाया है। इसी तरह संपत्तिकर वसूली 50 करोड़ को पार कर गई है। निगम ने 75 करोड़ का लक्ष्य रखा है। शनिवार को निगमायुक्त संदीप माकिन ने संपत्तिकर विभाग की बैठक लेते हुए सभी के लक्ष्य तय कर दिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष में अब केवल 20 दिन बचे हैं। इस अवधि में 10 करोड़ संपत्तिकर वसूलना है। लक्ष्य सुनकर कई क्षेत्राधिकारियों व संपत्तिकर अमले को पसीना आ गया।
विनय नगर में जल संकट
विनय नगर सेक्टर 4 में पिछले एक सप्ताह में जल संकट है। पहले पानी की टंकी के नीचे बाल्व खराब हो गया था। उसे सुधारा तो टंकी में लगी बॉल टूटकर सप्लाई लाइन में जाकर फंस गई। पिछले तीन दिन से नगर निगम के कर्मचारी बॉल का पता लगाने में परेशान हो गए हैं। बॉल लाइन में कहा जाकर फंसी है,इसका आकलन भी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच रहा। गंदा पानी भी आ रहा है।
इनका कहना है
उपभोक्ता सीधे ऑनलाइन जलकर जमा कर सकता है। लेकिन अभी ज्यादातर लोग एक्सपर्ट नहीं है। ज्यादातर कर्मचारी भी ऐसा नहीं कर पा रहे। हम अब बिल कलेक्टर को हैंड डिवाइस देने की योजना बना रहे हैं।
देवेन्द्र सिंह चौहान, उपायुक्त व प्रभारी ई-नगर पालिका