नोडल सेंटर आरएमएल में संदिग्धों की खुले में जांच, प्रशासन ने कहा - लोगों का डर निकालने को स्क्रीनिंग की

नई दिल्ली / कोरोना वायरस के लिए अस्पतालों में खास इंतजाम किए हैं। 25 अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इस सबके बीच सरकार की ओर से बनाए गए नोडल सेंटर से ही नियमों के उल्लंघन की बात सामने आ रही है। केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से संदिग्धों की जांच में हो रही है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बुधवार से गुरुवार के बीच 200 से ज्यादा लोग जांच कराने के लिए पहुंचे। इन लोगों की जांच कोरोना के संदिग्धों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में न कर इमरजेंसी के बाहर ही हुई। बुधवार और गुरुवार दोनों दिन लोग इमरजेंसी के बाहर लाइन में लगे हुए नजर आए। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि संदिग्धों को खुले में रखने से सामान्य मरीजों या अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को खतरा नहीं होगा? यदि इनमें से बाद में कोई भी पॉजिटिव पाया जाता है तो स्थिति और ज्यादा खराब नहीं होगी? राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग अस्पताल में गुरुवार को कोरोना के 16 नए संदिग्ध भर्ती हुए। दोनों अस्पतालों में आठ-आठ संदिग्धों को भर्ती किया गया। सभी के ब्लड सैंपल जांच के लिए प्रशासन ने भेज दिए हैं।


सफदरजंग अस्पताल में 21 संदिग्ध भर्ती


सफदरजंग अस्पताल में कोरोना के 9 पॉजिटिव मरीज भी भर्ती हैं। 15 संदिग्धों को जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद घर भेज दिया। फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में 21 संदिग्ध भर्ती हैं। इस बीच लोकनायक अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड तैयार हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को वार्ड का जायजा लिया। अस्पताल में 11 कमरों का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। हर कमरे में एक ही मरीज रहेगा, ताकि वायरस का असर दूसरे मरीज को न हो सके। अस्पताल में सिर्फ उन मरीजों को इलाज होगा जोकि पॉजिटिव पाए जाएंगे।


यह होना चाहिए था  : संदिग्धों की जांच खुले में न करके उनके लिए विशेष रूप से बने आइसोलेशन वार्ड में की जानी चाहिए थी।


प्रशासन ने दी सफाई : संदिग्धों की जांच खुले में करने पर अस्पताल की मेडिकल सुप्रीटेंड डॉ मीनाक्षी भारद्वाज ने बताया कि कि अस्पताल में अचानक जांच कराने वालों की तादाद बढ़ी तो हमें अलग से इंतजाम करना पड़ा। लोगों के दिमाग से डर निकल सके इसलिए स्क्रीनिंग की गई। उनमें कोई भी मरीज ऐसा नहीं था जिसे भर्ती किया गया है। जहां लोग जांच के लिए खड़े थे उस एरिया को रस्सी से कवर किया था और गार्ड की ड्यूटी लगाई थी कि किसी को उस एरिया में न जाने दिया जाए। ऐसी गाइडलाइन भी है।


व्यापारी भी परेशान: चाइनीज सामान की बिक्री में 50 से 60% तक कमी 


कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों ने चाइनीज सामान से दूरी बना ली है। बाजारों में चाइनीज सामान की बिक्री में 50 से 60 फीसदी तक कमी आ गई है। खरीदार चाइनीज सामान का नाम सुनते ही उसे लेने से मना कर रहे है। सदर बाजार, गांधी मार्किट के प्रेसिंडेंट सतपाल सिंह मांेगा का कहना है कि बाजारों में होली का सामान भरा हुआ है। लेकिन कोई खरीद नहीं रहा है। लोगों के मन में वहम पैदा हो गया है कि चीन से मंगाए होली के सामान से कोरोना हो सकता है। मार्केंट एसोसिएशनों का कहना है कि उन्होंने तो चीन से 4 महीने पहले ही सामान मंगा लिया था। लेकिन अब कोई खरीददार नहीं है।


तैयारी: एमसीडी अस्पतालों में खांसी और बुखार के मरीजों के लिए ‘आइसोलेशन’


एमसीडी ने सामान्य बुखार, खांसी, जुकाम के मरीजों को ‘आइसोलेशन’ में रखने का फैसला किया है, ताकि अन्य लोगों पर इनका असर न हो। इसके लिए एमसीडी की ओर से बकायदा आदेश जारी किया गया है। एमसीडी की ओर से जारी आदेश में अस्पतालों में बुखार, खांसी, जुकाम के मरीजों के इलाज के लिए अलग से ओपीडी और वेटिंग एरिया बनाने का आदेश दिया है। यह मरीज उतने एरिया में ही इलाज कराकर और दवाई लेकर अपने घर चले जाएंगे। इसके लिए वहां सूचना भी लगाए जाने की योजना है। जन स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अलग इंतजाम करने का उद्देश्य दूसरे मरीजों को सर्दी और खांसी व जुकाम के संक्रमण से बचाना है। यह व्यवस्था सभी बड़े अस्पताल और डिस्पेंसियों में होगी। इससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।