नए सत्र से स्थापना शाखा का अस्तित्व होगा समाप्त

कोरबा । पंचायत शिक्षक और शिक्षाकर्मी कहलाने वाले शिक्षकों के नियमित होने से पदोन्नति-क्रमोन्नति जैसे जिला पंचायत से जुड़े जिम्मेदारियां समाप्त हो गई है। शिक्षा विभाग और जिला पंचायत के बीच सेतु का काम करने वाली स्थापना शाखा का अस्तित्व नवीन शैक्षणिक सत्र एक जुलाई से समाप्त हो जाएगा। स्थापना शाखा के कर्मचारी अपने मूल पदस्थापना स्थानों में चले जाएंगे। संविलियन के बाद जिले भर के सभी शिक्षकों का नियंत्रण जिला शिक्षा विभाग से होगा। शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले सेवा पुस्तिका में संधारण कराने पंचायत शिक्षक पहुंच रहे हैं। पंचायत शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह पहला अवसर है जब जिले में एक भी अनियमित शिक्षक नहीं है। संविलयन की घोषणा से बचे अंतिम 698 अनियमित शिक्षक आगामी एक जुलाई से नियमित हो जाएंगे। उनका मानदेय भी पूर्ववर्ती शिक्षकों की पदोन्नति के आधार पर जारी होने लगेगा। शिक्षकों के नियमितीकरण से जिला पंचायत कार्यालय में संचालित स्थापना शाखा का औचित्य अब स्वमेव ही समाप्त हो गया है। शाखा में पदस्थ कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थापना वाले स्थानों में भेजा जाएगा। शिक्षकों को उनके मानदेय और पदोन्नति अथवा क्रमोन्नति का सरोकार शिक्षा विभाग से रहेगा। शिक्षकों के नियमितीकरण से न केवल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ी है, बल्कि आने वाले दिनों में शिक्षकों की पदस्थपना के लिए जिला पंचायत या शिक्षा विभाग को दायित्व मिलेगा। बहरहाल इसमें वास्तविकता नई भर्ती प्रक्रिया स्पष्ट होने के बाद ही पता चल सकेगा। जिले में शिक्षकों के नियमितीकरण के बाद लगभग 1300 पद अब भी रिक्त हैं। वर्ग एक से तीन तक लगातार पदोन्नति और शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से रिक्तियों में लगातार वृद्धि हो रही है। सेवा पुस्तिका में संधारण, अवकाश अर्जित आदि मामले अब शिक्षा विभाग के दायरे में आएंगे। साथ ही लंबे समय से अनुपस्थित अथवा शिक्षकों के स्थानांतरण मामले शिक्षा विभाग के अधीन होंगे।


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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
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