नाले में बहने से हुई थी महिला की मौत, एक साल में ड्राइंग ही फाइनल नहीं

ग्वालियर। घोसीपुरा के तोता चौक से जेल रोड, विनय नगर होते हुए लधेड़ी तक 5 किलोमीटर लंबे नाले का काम ड्राइंग में फंस गया। डेढ़ साल पहले विनय नगर स्थित गौरीशंकर स्कूल के पास नाले में बहने से एक वृद्धा की मौत के बाद भी निगम अधिकारी गंभीर नहीं हुए। वह भी तब जब क्षेत्रीय विधायक व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर नाले के निर्माण को लेकर गंभीर हैं। इस साल बरसात में यह नाला फिर जानलेवा हो सकता है।


हर साल होती है घटना


घोसीपुरा से शुरू होकर जेल रोड, संत कृपाल आश्रम, गौरीशंकर स्कूल होते हुए लधेड़ी तक नाले की लंबाई पौने 5 किलोमीटर है। कुछ दूरी तक दोनों ओर पत्थरों की दीवार है। बरसात के दिनों में पानी का बहाव इतना तेज हो जाता है कि मोहिते गार्डन तक सड़क लबालब हो जाती है। इससे पता ही नहीं चलता कि सड़क कहां है और नाले कहां तक हैं। इसी कारण बरसात के दिनों में हादसे होते हैं। 2018 में एक वृद्धा उसमें बह गई और उसकी मौत हो गई थी। 2019 की बरसात में एक बाइक सवार बह गया था। समय रहते आसपास के लोगों ने बांस और रस्सियों के सहारे उसे बाहर निकाल लिया था। दोनों वर्ष हुई घटनाओं के बाद नगर निगम ने सड़क किनारे बांस गाड़े और रस्सियां बांधी, लेकिन बरसात खत्म होते ही लोग उन्हें चुरा ले गए।


 

अमृत योजना में कराया शामिल


वृद्धा की मौत के बाद निगम प्रशासन नींद से जागा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने नाले के जीर्णोद्वार की योजना बनाई। भोपाल से टीम बुलाई। सर्वे के बाद उसे अमृत योजना से बनाने पर सहमति बनी। कवर्ड नाला बनाने 5 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई। एक साल पहले नाला निर्माण के लिए श्री तोमर ने भूमिपूजन भी कर दिया। कुछ काम भी शुरू हुआ। इसी बीच ड्राइंग में फिर बदलाव हुआ। इससे काम फिर बंद हो गया। अब यदि जून तक काम पूरा नहीं हुआ तो बरसात में स्थिति ज्यादा खतरनाक हो जाएगी।


 

इनका कहना है


देरी से ड्राइंग फाइनल होने के कारण नाला निर्माण में विलंब हुआ है। अब लधेड़ी की ओर से काम शुरू किया है। उम्मीद है कि इस साल जून तक इसे बना दिया जाएगा।


प्रदीप चतुर्वेदी, अधीक्षण यत्री जनकार्य ननि