मुगल-ए-आजम फिल्म के शिल्पकार ने दिया था इस मंदिर में कांच को आकार

बुरहानपुर / तिलक चौराहे का करीब 300 साल प्राचीन श्री शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर। इसकी पहली मंजिल, भू-तल की छत और दीवारों पर कांच की शिल्पकारी की गई है। इसे मुगल-ए-आजम फिल्म के शीश महल के मुस्लिम शिल्पकार आगा जान ईरानी ने आकार दिया है। करीब 300 साल पहले बने मंदिर का 100 साल पहले जीर्णोद्धार किया गया। इसमें नगर के प्राचीन मंदिरों के 18 मूल नायकों की प्रतिमाएं विराजित हैं। मंदिर ट्रस्टी भरत शाह के अनुसार 60 साल पहले पूरे मंदिर की छत और दीवारों पर कांच की शिल्पकारी की गई। इसके लिए विशेष तौर पर मुंबई से आगा जान ईरानी को बुलाया गया था। ये वो शिल्पकार हैं, जिन्होंने फिल्म मुगल-ए-आजम में शीश महल बनाया था। गुजरात के कलाकारों ने मंदिर में संगमरमर की कलाकृति बनाई। सन् 1920 में मंदिर का जीर्णोद्धार हाेने पर शताब्दी महोत्सव मनाया गया था। समाजजन के पास आज भी 100 साल पुराना निमंत्रण पत्र है। इसे दूसरी शताब्दी महोत्सव के निमंत्रण पत्र में छपवाया है। इसमें शहर और मंदिर से जुड़े इतिहास का भी उल्लेख है। 


900 साल पुराने जैन ग्रंथों में नगर का ब्रह्मपुर नाम से जिक्र
आचार्य राजचंद्र सुरीश्वर महाराज के अनुसार जैन धर्म के हजारों साल प्राचीन भक्ति गीतों में इस नगर का उल्लेख मिलता है। साध्वी भगवंत हर्षनिधि श्रीजी और साध्वी श्रेयसकरा श्रीजी के अनुसार 900 साल पुराने जैन ग्रंथों में नगर का ब्रह्मपुर नाम से जिक्र है। यह भी बताया है कि ताप्ती नदी किनारे जैनाबाद नामक गांव है। ये नाम जैन समाज की अधिक आबादी के कारण पड़ा है। पालिताणा की तरह यह बड़ा तीर्थ है।


400 साल पहले थे श्वेतांबर संप्रदाय के 18 मंदिर
400 साल पहले तक बुरहानपुर में श्वेतांबर संप्रदाय के 18 मंदिर थे। आक्रांताओं से बचाने के लिए घरों की तरह लकड़ी के मंदिर बनवाए थे। इनमें से अधिकांश 19वीं सदी की शुरुआत के एक अग्निकांड में नष्ट हो गए। 1956 के आसपास यहां श्वेतांबर जैन संप्रदाय के 9 मंदिर बचे थे। कुछ परिवारों के यहां से पलायन करने से मंदिरों की देखरेख में कमी होने लगी। प्राचीन श्रीमणी भद्रजी मंदिर में प्रतिमाएं रखी गई। इनमें कुछ 1200 तो कुछ 400 साल पुरानी हैं। इन प्रतिमाओं को तिलक चौराहा के जैन मंदिर में रखा है।


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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
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