मोदी से मिलने के बाद सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी; आधे घंटे बाद 19 विधायकों का इस्तीफा; बिसाहूलाल और कंसाना ने भी इस्तीफा दिया

भोपाल / करीब 22 घंटे की ना-हां, हां-ना के बाद आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस्तीफा आ ही गया। होली के दिन दोपहर 12.10 बजे सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की चिट्‌ठी ट्वीट कर दी। हालांकि, ये चिट्‌ठी 9 मार्च को ही लिख ली गई थी। महज 20 मिनट बाद कांग्रेस ने सिंधिया को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। 5 मिनट बाद ही दोपहर 12.35 बजे सिंधिया समर्थक 19 विधायकों ने हाथ से लिखा इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। कांग्रेस के ये सभी विधायक सोमवार से ही बेंगलुरु में हैं। इसके बाद दोपहर 2 बजे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मीडिया के सामने आए। उनके साथ मौजूद थे कांग्रेस के 20वें विधायक बिसाहूलाल सिंह। बिसाहूलाल ने भी कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि ‘आने वाले समय में अधिकांश कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल होने वाले हैं।' उनके बगल में मौजूद शिवराज ने लगे हाथ दावा किया कि ‘कांग्रेस विधायक एंदल सिंह कंसाना ने भी विधानसभा सदस्यता छोड़ दी है और भाजपा में आने वाले हैं।’ 3.45 बजे कंसाना के इस्तीफे की खबर आ गई। अब तक कुल 21 इस्तीफे हो चुके हैं। इसी बीच, ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में चलते-चलते कुछ मिनटों के लिए मीडिया से बातचीत की। सवालों की बौछारों के बीच कहा- ‘मुझे जो कहना था, इस्तीफे में कह दिया है। हैप्पी होली।’ और कार ड्राइव करते हुए निकल गए।


सिंधिया ने इस्तीफे में लिखा- कांग्रेस में रहकर काम नहीं कर पाऊंगा


सिंधिया ने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा...


‘‘डियर मिसेज गांधी, मैं पिछले 18 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का प्राथमिक सदस्य हूं। अब वक्त हा गया कि मुझे नई शुरुआत के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आप जानती हैं, यह वह रास्ता है, जो पिछले वर्ष खुद बनना शुरू हो गया था। हालांकि, जन सेवा का मेरा लक्ष्य उसी तरह का बना रहेगा, जो शुरुआत से ही हमेशा रहा है, मैं अपने प्रदेश और देश के लोगों की उसी तरह से सेवा करता रहूंगा। मुझे लगता है कि मैं आगे यह काम इस पार्टी (कांग्रेस)  में रहकर करने में सक्षम नहीं हूं। अपने लोगों और अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को प्रदर्शित करने और उसे जाहिर करने के लिए, मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छा होगा कि मैं आगे की ओर देखूं और एक नई शुरुआत करूं। मुझे देश सेवा के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं और आपके माध्यम से कांग्रेस पार्टी के मेरे साथियों को भी धन्यवाद देता हूं।’’ 


सादर, आपका ज्योतिरादित्य सिंधिया


सिंधिया के बेटे ने कहा- मुझे पिता पर गर्व है


‘मेरे पिता ने जो निर्णय लिया, मुझे उस पर गर्व है। ऐसा करने के लिए साहस की जरूरत होती है। इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा। जैसा कि हमने वादा किया था कि हम भारत और मध्य प्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे।’


लक्ष्मण सिंह ने कहा- अब विपक्ष में बैठने की तैयारी करें


सीएम हाउस पहुंचे दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने इस घटनाक्रम पर कहा- ‘अब हमें विपक्ष में बैठने की तैयारी करना चाहिए।’ वहीं, कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले मंत्री उमंग सिंघार ने कहा- ‘मध्यप्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं और पार्टी से जाने का विचार कर रहे विधायकों से आग्रह है कि व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर पार्टी हित में सोचें। यह सरकार प्रदेश के कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है। उनकी भावनाओं को सर्वोपरि रखते हुए निर्णय लें, नहीं तो युवा पीढ़ी कभी हमें माफ नहीं करेगी।’


अल्पमत में कमलनाथ सरकार


14 विधायकों के इस्तीफा भेजने के बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। इस्तीफे स्वीकार होने की स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 100 विधायक रह जाएंगे, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं। फिलहाल कमलनाथ सरकार के पास 4 निर्दलियों समेत सपा के एक और बसपा के 2 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में कमलनाथ के पास 107 विधायकों का समर्थन होगा। अभी भाजपा के पास भी 107 विधायक हैं। 16 मार्च को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अगर भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है, तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।


दिल्ली से भोपाल तक बैठकों का दौर जारी


इस बीच सोनिया ने दिल्ली में अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पहुंचे। उधर, सिंधिया के मोदी से मिलने की खबरों के बाद भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर भी हलचल बढ़ गई। बाला बच्चन, हुकुम सिंह कराड़ा, सज्जन सिंह वर्मा समेत कई मंत्री मिलने पहुंचे। बदलते घटनाक्रम के बीच प्रदेश के भाजपा मुख्यालय में मीटिंग चल हुई, जिसमें शिवराज सिंह चौहान, पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और विनय सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए। 


सिंधिया का पार्टी में स्वागत: नरोत्तम


कांग्रेस नेता और मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पार्टी के नेताओं से हमारी बातचीत चल रही है। हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार स्थिर है और पांच साल का कार्यकाल पूरी करेगी।
 वहीं, भाजपा के नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में शामिल होने पर स्वागत करते हैं। वे जमीन से जुड़े बड़े नेता हैं। शायराना अंदाज में उन्होंने कहा कि दुश्मनों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में, उनको किस-किस ने मारा, ये कहानी फिर कभी।


तीन अलग-अलग जगहों पर ठहरे हैं विधायक
बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर रिसॉर्ट पाम मेडोज के साथ तीन अलग-अलग जगहों पर सिंधिया समर्थक विधायकों को ठहराया गया है। ये स्थान कर्नाटक से भाजपा विधायक अरविंद लिंबोवली के क्षेत्र में आता है। सभी कमांडों की निगरानी में हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और सांसद रहे बीवाय राघवेंद्र और विजयन इन विधायकों को संभाल रहे हैं। इनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया भी हैं। कर्नाटक गए विधायकों में से कुछ तिरुपति बालाजी के दर्शन करने गए। विजयन रियलिटी फर्म आदर्श डेवलपर चलाते हैं।


कांग्रेस की हो सकती है ये रणनीति
1. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी करे। इसका उल्लंघन करने वाले को सदन में आने से रोक दे। इसमें स्पीकर का रोल महत्वपूर्ण होगा।  
2.  कांग्रेस राज्यसभा चुनाव तक इंतजार कर सकती है। हालांकि इसमें 16 दिन बाकी है, जबकि सरकार का फैसला बजट सत्र की शुरुआत में हो सकता है। बड़े नेताओं की बैठक में चर्चा भी हुई, सिंधिया को राज्यसभा का टिकट और तुलसीराम सिलावट को प्रदेश अध्यक्ष बना दें।


एक्सपर्ट व्यू : सदन में ही हो सकता है बहुमत का फैसला
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक, किस पार्टी के पास बहुमत है, इसका फैसला विधानसभा के सदन में ही हो सकता है। विश्वास या अविश्वास प्रस्ताव, मनी बिल या किसी पॉलिसी मैटर पर सरकार सदन में हार जाती है, तो उसे इस्तीफा देना होगा। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके वोट करने वाले या स्वेच्छा से पार्टी छोड़ने वाले सदस्य की शिकायत होने पर स्पीकर उसकी सदस्यता समाप्त कर सकता है। ऐसे में अयोग्य घोषित होने के पहले वो जो वोट करेगा, वह मान्य होगा। दो तिहाई सदस्यों के एक साथ पार्टी छोड़ने पर दलबदल अधिनियम लागू नहीं होगा और उनकी विधायकी बनी रहेगी।