मप्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी; सार्वजनिक समारोह आयोजित न करने की सलाह, होली के कार्यक्रम प्रभावित होंगे

भोपाल / नोवल कोरोना वायरस को लेकर मप्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। लोगों को सलाह दी गई है कि नोवल कोरोना वायरस के चलते सार्वजनिक समारोहों का आयोजन न करें या उन्हें आगे की तारीखों के लिए टाल दें। अगर समारोह आयोजित करना जरूरी ही हो तो उसकी रोकथाम के जरूरी उपाय किए जाएं, जिससे कोरोना वायरस के खतरे से बचा जा सके। एडवाइजरी के आने के बाद होली के कार्यक्रम प्रभावित रहेंगे। वहीं सरकार के मुताबिक अभी तक 14 सैम्पल जांच के लिए पुणे लैब भेजे गए थे, जिनमें से 13 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है और एक रिपोर्ट आना बाकी है। देश में जानलेवा कोरोना वायरस की वजह से हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना वायरस पर मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ चुकी है। इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग एडवाइजरी जारी कर चुका है। इसमें कहा गया था कि कोरोना संक्रमण वायरस संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है। इससे बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं और सर्दी, खांसी और बुखार आने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं।


विदेश से मध्य प्रदेश में आए 420 लोग
स्वास्थ्य विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। अभी तक प्रदेश में 420 लोग दूसरे देशों से आए हैं, जिनमें से 319 लोगों को 28 दिन ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद सार्वजनिक जगहों पर जाने की अनुमति दे दी गई है, जबकि 67 लोग अभी होम आइसोलेशन में हैं। इनमें से किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है। सभी लोग सुरक्षा की मद्देनजर होम आइसोलेशन में रखे गए थे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खजुराहो, सांची, ओरछा और अन्य पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी की जा रही है। हर जिले में तीन सदस्यीय रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है, जो सूचना मिलने पर सुरक्षा के साथ कदम उठाएगी। कोरोना वायरस से बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।


5 हजार डॉक्टरों और कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों ने 250 से ज्यादा केंद्रों पर सेटेलाइट के माध्यम से ट्रेनिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया और 5 हजार डॉक्टर और कर्मचारियों को कोरोना वायरस से बचने की ट्रेनिंग दी। कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिये सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में टास्क-फोर्स का गठन किया गया है। प्रदेश और जिला स्तर पर प्रतिदिन मॉनिटरिंग सैल की बैठक हो रही है। राज्यस्तर पर पीसी सेठी अस्पताल, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर, जेपी अस्पताल एवं हमीदिया अस्पताल भोपाल को चुना गया है। सभी जिलों में मॉकड्रिल की जा चुकी है। 


सर्दी-खांसी वालों की खास निगरानी जरूरी 


विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना वायरस से डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों को सतर्क करें। 


सर्दी खासी बुखार के मरीजों को अलग रखें और तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराएं। 


प्रदेश के 350 केंद्रों पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। 


सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसके संबंधित सूचनाएं दी जा रही हैं और अस्पतालों में सर्दी, खांसी, और बुखार के मरीजों का अलग से इलाज किया जा रहा है। 


लोगों को बताया जा रहा है कि भारतीय संस्कारों को बढ़ावा देते हुए नमस्कार करें। 


खांसते-छीकतें समय मुंह पर कपड़ा रखें और कोहनी से नाक, मुंह ढकें, सर्दी-खांसी से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।


सार्वजनिक स्थलों पर जाने से बचें और 30 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोएं। 


टोल फ्री नम्बर 104 पर फोन कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं इसके संबंध में सूचना भी दी जा रही है। 


कोरोना वायरस से बचाव का बड़ा उपाय बताते हुए कहा कि अपने इम्यून सिस्टम को बढ़ाएं।