कुछ ने कहा गददार तो कुछ ने कहा कि अब पार्टी से गुटबाजी खत्म

दतिया। राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक गलियारों में हो रही चहल पहल का असर जिले की राजनिती पर भी देखने को मिल रहा है। ज्योतिरादित्य सिधियां के इस्तीफे के साथ ही जिले भी इस्तीफे की बाढ़ सी आना शुरू हो गई है। खबर लिखे जाने तक लगभग 8 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं कुछ कांग्रेसी इसे गददारी बता रहे है। कईयों का कहना है कि अब कांग्रेस से गुटबाजी खत्म हो गई है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष नाहर सिंह ने बताया कि अभी तक जिले भर से कुल आठ इस्तीफे नेताओं द्वारा दिए गए हैं। इनमें सुनील तिवारी जो कि कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद पर थे अपने पद व कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे चुके हैं। इसके अलावा अशोक दांगी बग्दा जो कि जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर थे। वहीं रेवेंद्र सिंह परमान गिन्नाी राजा जो कि मध्यपदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद पर थे। इन्होंन भी ने अपना स्तीफा दे दिया है। इसके अलावा अनिल श्रीवास्तव, भांडेर से हरिओम त्रिपाठी, सेंवढ़ा से श्री लाल कुशवाह ने भी दिया इस्तीफा दिया है। इनका जिला पंचायत सदस्य के तौर पर निर्वाचन 5 वर्ष पहले हुआ था। उनकी बहू संजू कुशवाह जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 1 दतिया से जिला पंचायत सदस्य हैं। इसके साथ ही कई कार्यकर्ता भी अपना इस्तीफा दे चुके हैं।



भांडेर विधायक के इस्तीफे पर संशय


भांडेर विधायक रक्षा सरौनियां के इस्तीफे को लेकर संशय बना हुआ है। जिलाध्यक्ष नाहर सिंह का कहना है कि मेरे पास अभी उनका इस्तीफा नहीं आया है। इसलिए में उसकी पुष्टी नहीं कर सकता हूं। हालांकि सूत्रों की माने तो रक्षा सरौनियां ने भी अपना त्यागपत्र पार्टी को सौंप दिया है।


गद्दारों से वफादारी की उम्मीद करना बेइमानी।


सिंधिया के जाने से कांग्रेस ग्वालियर चंबल संभाग में मजबूत होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वजों की गद्दारी के चलते अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई शहीद हो गई थी। इसलिए गद्दारों से वफादारी की उम्मीद नहीं की जा सकती।



दामोदर सिंह यादव, कांग्रेस नेता।


अब गुटबाजी खत्म


कांग्रेस में अभी तक गुटबाजी का खेल चल रहा था। अब कांग्रेस से गुटबाजी खत्म हो चुकी है। और अब कांग्रेस एक नई मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी।


नाहर सिंह, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।