कोर्ट ने पूछा- तहसीलदार को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया

ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 6 महीने बीत जाने के बाद भी तहसीलदार को गिरफ्तार नहीं किए जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है। तहसीलदार उमेश चन्द्र कौरव की अग्रिम जमानत को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए कोई कदम नहीं उठाए।


बिलौआ थाने में तत्कालीन तहसीलदार उमेश चन्द्र कौरव (वर्तमान पोस्टिंग जौरा मुरैना)के खिलाफ गबन का मामला दर्ज किया गया था। इनके कहने पर एक गिट्टी के ट्रक को अवैध रूप से छोड़ा गया था। जिसकी थाने में शिकायत हुई। उसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। केस दर्ज होने के बाद तहसीलदार को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई, लेकिन कोर्ट ने शर्त लगाई कि उन्हें हर हफ्ते थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी, लेकिन तहसीलदार ने हाजिरी नहीं लगाई। जमानत की शर्त का उल्लंघन करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने तहसीलदार की अग्रिम जमानत को सितंबर 2019 में निरस्त कर दी। अग्रिम जमानत निरस्त होने के बाद पुलिस ने तहसीलदार को गिरफ्तार करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। तहसीलदार की गिरफ्तारी के लिए लखन चौरसिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक ग्वालियर से इस संबंध में जवाब मांगा। कोर्ट ने पूछा कि गिरफ्तारी के लिए प्रयास क्यों नहीं किए गए। स्पष्टीकरण दिया जाए।