बाल्कोनगर । कोमल है कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है, जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझ से हारी है। नारी उस शक्ति का नाम है, जो एक मां, बहन, पत्नी व बेटी के रूप में सदैव सबको सुख देने के लिए अपना जीवन कुर्बान कर देती है। सदियों से ही भारत में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। घर की रसोई से लेकर परिवार के हर सदस्य की जरूरतों की पूर्ति करने की जिम्मेदारी बखूबी संभालने की वजह से उसे अन्नपूर्णा व गृहलक्ष्मी के नाम से भी पुकारा जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सह अस्तित्व मानव सेवा संस्थान (एनकेएच ग्रुप हॉस्पिटल) की ओर से बाल्को सिविक सेंटर डांस प्लेनेट में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी शिक्षाविद सहित राष्ट्रीय स्तर तक अपना गौरव प्राप्त कर चुकी महिलाओं का सम्मान किया गया। ऐसी ही महिलाओं ने मनीषी सिंह और श्रुति यादव का नाम गौरव से लिया जा सकता है। इंटरनेशनल बैडमिंटन खेल चुकी मनीषी सिंह जिसका सलेक्शन विश्व बैडमिंटन 2020 चैंपियनशिप के लिए हुआ है। दूसरी ओर श्रुति यादव शूटर के नाम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुकी है, का रायपुर में भी सम्मान हुआ है। इनकी यह उपलब्धि महिला होकर भी आत्मविश्वास के साथ इस बात को दर्शाती है कि नारी पुरुष पर आश्रित नहीं बल्कि अपने दम पर मुकाम हासिल कर सकती है। सह अस्तित्व मानव सेवा संस्थान की ओर से कोमल माथुर ने सभी महिलाओं का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। इस अवसर पर शाइली श्रीवास्तव, सिंधु कुमार, बिपाशा भट्टाचार्य, डॉ. रिचा त्रिपाठी, पूर्णिमा पुरैना, पूर्णिमा यादव, डॉ. पूजा शर्मा, मोनिका यादव, चंदना पटनायक, कीर्ति लखेरा, सुभांजलि मिंज के अलावा अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।
कोमल है कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है