कैप्टन सरकार बदलेगी नियम, सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) फीस में 30% तक हाे सकती है कटौती

चंडीगढ़ / पंजाब सरकार अपनी काॅमर्शियल साइट्स से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) के नियमों में बदलाव करने जा रही है ताकि राज्य की आय में बढ़ोतरी हो सके। इसके तहत अब जो लोग म्युनिसिपल एरिया के बाहर सीएलयू करेंगे उनसे दो साल तक सरकार कोई फीस नहीं लेगी। इसके लिए लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। सरकार का मानना है कि इससे लोग आसानी से अपने कारोबार में बढ़ोतरी कर सकेंगे। जहां इससे लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं सरकार को मिलने वाले टैक्स से सरकार की आय में भी वृद्धि होगी। उधर, इस संबंध में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि इस वक्त सूबे में सीएलयू के नियम काफी सख्त हैं। इसलिए सरकार इनमें बदलाव करने विचार कर रही है। 


सीएम ने चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में कमेटी बनाई...बदलाव करने से पहले सरकार सभी जिलों में काॅमर्शियल साइट्स और सीएलयू के लिए ली जाने वाली फीस रिव्यू करेगी। इसके लिए कैप्टन ने चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। कमेटी में सेक्रेटरी फाइनांस, सेक्रेटरी हेल्थ, सेक्रेटरी इंडस्ट्री, सेक्रेटरी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सेक्रेटरी लोकल बॉडी, सेक्रेटरी एग्रीकल्चर, सेक्रेटरी एक्साइज एंड टैक्सेशन शामिल होंगे। यह कमेटी जिलों का रिव्यू करेगी, उसके बाद सीएम से डिस्कस करेगी। सीएम की मंजूरी के बाद सीएलयू के लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा।
जिलों में कलेक्टर रेट अलग, इसलिए सीएलयू भी होगा अलग-अलग...नए नियमों में सरकार विभिन्न जिलों में सीएलयू के लिए ली जाने वाली फीस में भी कटौती करने जा रही है ताकि लोगों को सीएलयू कराना बोझ महसूस न हो। इसके तहत सरकार ने म्युनिसिपल एरिया के अंदर आने वाली जमीन की सीएलयू कराने के लिए ली जाने वाली फीस को 25 से 30 प्रतिशत कम करने का फैसला किया है। सभी जिलों में जमीन के कलेक्टर रेट अलग-अलग हैं, इसलिए सीएलयू फीस भी विभिन्न जिलों के लिए अलग-अलग होगी। दरों के अनुसार ही सीएलयू में 30 प्रतिशत कटौती की जाएगी।
अब छोटी कमर्शियल साइट्स का भी हो सकेगा सीएलयू
अब तक बड़ी कमर्शियल साइट्स की ही सीएलयू कराने का राज्य में प्रावधान है, लेकिन सरकार अब इस नियम में बदलाव करने जा रही है। कोई भी कारोबारी म्युनिसिपल एरिया के अंदर पड़ती अपनी छोटी काॅमर्शियल साइट की भी सीएलयू करवाकर अपने कारोबार में बढ़ोतरी कर सकेगा। सीएलयू कराने के बाद संबंधित व्यक्ति को अन्य सुविधाएं भी उसी के अनुसार मिल सकेंगी।
 


पक्ष व विपक्ष के विधायकों के दबाव में लिया फैसला
कैप्टन को पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने म्युनिसिपल एरिया से बाहर बनाई जा रही काॅमर्शियल साइट को सीएलयू के दायरे से हटाने की मांग की थी। यह भी मांग की कि सीएलयू फीस कम की जाए। सीएम ने मुख्य सचिव समेत आला अधिकारियों से बैठक करने के बाद राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में कमेटी का गठन कर सीएलयू से संबंधित तमाम पहलुओं पर विचार कर रिपोर्ट सौंपी जाए। जिसमें सीएलयू फीस कम करने विचार किया जाएगा।