जिस कब्र में कंकाल का सिर गायब हो, वहीं 360 साल से दफन है दारा शिकोह, एक्स-रे इमेज तकनीक से लगाएंगे पता

दिल्ली / गीता और 52 उपनिषदों का पहली बार संस्कृत से फारसी में अनुवाद कर पूरी दुनिया को भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू कराने वाले दारा शिकोह की कब्र कहां है, ये उनकी मौत के 360 साल बाद भी रहस्य ही है। इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनी है। 


सिर कलम कर दफनाया था


एएसआई पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद के मुताबिक, दारा शिकोह की मौत के 360 साल बाद अब इस मध्यकालीन विद्वान शासक को सम्मान दिलाने की केंद्र सरकार की कोशिश चर्चा में है। निश्चित ही भारत में दारा शिकोह का भव्य स्मारक होना चाहिए। कहां हो, कैसा हो और किस रूप में हो यह सरकार ही तय करेगी। जहां तक उनकी कब्र की तलाश का सवाल है, तो सरकार और एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) हैंड हेल्ड एक्सरे डिवाइस की मदद से दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पीछे स्थित कब्रों की एक्स-रे इमेज ले सकते हैं। साथ ही ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सर्वे भी करा सकते हैं। ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक मुगलकाल में दारा के अलावा ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जिसमें किसी मुगल शहजादे का सिर कलम कर सिर्फ धड़ दफनाया गया हो। एक्स-रे इमेज में जिस कब्र में बिना सिर वाला कंकाल नजर आए उसे ही दारा की कब्र मान लेना चाहिए।


पहली बार गीता समेत 52 उपनिषदों का फारसी में अनुवाद कराया था


दरअसल दारा ने ही पहली बार श्रीमद्भगवत गीता समेत 52 उपनिषदों का संस्कृत से फारसी में सिर्रे-अकबर (महान रहस्य) के नाम से अनुवाद किया था। 1801-02 में जब फ्रांसीसी दार्शनिक एंक्वेटिल डुपरॉन ने लेटिन भाषा में सिर्रे-अकबर का अनुवाद किया, तब दुनिया को भारतीय संस्कृति के बारे में विस्तार से पता चला।


भाई औरंगजेब ने दारा का सिर काटकर आगरा के किले में लटका दिया था


शाहजहां के बाद दारा शिकोह दिल्ली की गद्दी के उत्तराधिकारी थे। दारा पर कट्‌टरपंथियों ने बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) होने का आरोप लगाया। इसका फायदा उठाकर औरंगजेब ने विद्रोह किया व खुद बादशाह बन गया। 30 अगस्त, 1659 को दिल्ली में दारा शिकोह को मौत की सजा दी गई। दारा का सिर काटकर आगरा ले जाया गया और धड़ को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के परिसर में दफनाया गया था।


केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बनाई है कमेटी  


केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दारा शिकोह की कब्र की पहचान के लिए टीजे अलोन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की 7 सदस्यीय कमेटी बनाई है। केके मुहम्मद के अलावा इसमें एएसआई के पूर्व महानिदेशक आरएस बिष्ट, बीआर मणि, केएन दीक्षित, बीएम पांडेय, अश्विनी अग्रवाल, सैय्यद जमाल हसन भी शामिल हैं।


कब्र का पता लगाकर करेंगे संरक्षण 


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निदेशक (स्मारक) टीजे अलोन ने बताया कि दारा शिकोह की कब्र कौन सी है, इस बारे में अभी कुछ भी जानकारी नहीं है। इसकी खोज के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित की गई है। कमेटी ही बताएगी कि किस तरह दारा शिकोह ही कब्र का पता लगाकर उसका संरक्षण किया जा सकता है।


Popular posts
शादीशुदा BF संग भागी प्रेमिका, प्रेमी की पत्नी नही मानी तो प्रेमी पर दर्ज कराया RAPE का मामला
Image
प्रशासन ने सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोला बाजार, व्यापारी नहीं चाहते खोलना
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
Image
MP पुलिस के जांबाज अफसर ओर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहिंदर कंवर परिणय सूत्र में बंधे
Image
कोतवाली पुलिस ने किए अंधे कत्ल के शेष दो आरोपी गिरफ्तार। 
Image