जेसीबी से लाइन डालने के लिए गड्‌ढे खोदते समय मकान को पहुंची थी क्षति, 1.48 लाख का जुर्माना

राजपुर / नगर में रियान वाटर टैंक कंपनी के माध्यम से नल-जल योजना के तहत 20 किमी लंबी पाइप लाइन डाली जा रही है। इसके तहत कंपनी ठेकेदार के माध्यम से जेसीबी से गड्‌ढे खोदकर पाइप लाइन डालने का काम किया गया है। इस दौरान करीब 4 माह पहले नगर के वार्ड क्रमांक 14 निवासी महेंद्र नागर के मकान को क्षति पहुंची थी। इसकी मकान मालिक ने कई बार शिकायत की। इसके बाद एसडीएम वीरसिंह चौहान ने मौके पर जांच कराने के बाद कंपनी ठेकेदार को 1.48 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर जुर्माने की राशि मकान मालिक को देने के लिए नोटिस जारी किया है। मकान मालिक ने बताया कि मकान में क्षति होने के बाद कई बार कंपनी से क्षति की राशि की मांग की गई थी लेकिन कंपनी के ठेकेदारों द्वारा दबंगाई दिखाते हुए 4 माह बीतने के बाद भी क्षतिपूर्ती की राशि नहीं दी गई थी। इसके बाद एसडीएम चौहान ने लोक निर्माण विभाग के माध्यम से सर्वे कर क्षति का मूल्यांकन कराया। इसके बाद कंपनी को 1.48 लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि देने का नोटिस दिया है। पार्षद हुकुम राठौर, मंसाराम वास्कले ने बताया निर्माण कंपनी को परिषद की बैठक में भी कहा गया था कि जेसीबी से नगर में खुदाई नहीं करे। फिर भी ठेकेदार ने जेसीबी से खुदाई कर नगर की सड़कों को क्षतिग्रस्त कर काम बंद कर दिया है। ऐसे में गणगौर पर्व पर रोड क्षतिग्रस्त होने से लोगों को परेशानी होगी।



कंपनी ढाई साल में पूरा नहीं कर पाई काम
नगर में पाइप लाइन डालने का काम निर्माण कंपनी करीब ढाई साल से कर रही है लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं कर सकी है। कंपनी द्वारा धीमी गति से कार्य किया जा रहा है। इससे इस बार भी गर्मी में नगर के रहवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। जबकि कंपनी द्वारा टेंडर लेकर 2 साल में कार्य पूरा करना था।



अभी 33 फीसदी हुआ काम
जानकारी अनुसार कंपनी ने अभी तक 33 फीसदी काम ही किया है। कई बार शिकायत होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा जेसीबी से कार्य किया जा रहा था। इसके बाद नगर परिषद सीएमओ, इंजीनियर और एसडीएम ने नोटिस देकर कंपनी को जेसीबी से पाइप लाइन के लिए सड़क की खुदाई नहीं कराने के निर्देश दिए थे लेकिन 3 माह बाद भी ठेकेदार द्वारा कटर मशीन से खुदाई का कार्य चालू नहीं किया गया है।


निर्माण कंपनी को महेंद्र नागर के घर की क्षतिपूर्ती राशि देने के लिए नोटिस दिया है। यदि कंपनी 7 दिन में राशि नहीं देती है तो ठेकेदार पर शासन के नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।


जयपाल जमरे, सब इंजीनियर, नप