जज्बे इश्क देखते वक्त वो कैसा होगा, सामने नजरों के जब यार का जलवा होगा

ग्वालियर । सूफिज्म का सही मायने में मतलब है मोहब्बत का पैगाम पहुंचाना, मोहब्बात सिर्फ मोहब्बत। ये वो मोहब्बत होती है जिसमें आपकी आत्मा और परमात्मा में कुछ अंतर नहीं रहता। जैसे जब भी आप ऊपरवाले से लौ लगाते हैं तो उसमें आपमें और उनके बीच कोई अंतर नहीं रह जाता है। कुछ ऐसा ही है सूफिज्म। इन शब्दों के साथ श्रोताओं को सूफिज्म से रूबरू कराते हुए हुसैन बंधुओं ने श्रोताओं को सूफी संगीत का रूहानी सफर कराया। आईटीएम संगीत सम्मेलन सूफी-भक्ति लोकरंग-2020 के दूसरे दिन सूफी शाम में ख्यात लोकगायक उस्ताद अहसान हुसैन खान और उस्ताद आदिल हुसैन खान ने हुसैन ग्रुप के साथ सूफी गीतों की प्रस्तुतियां दीं।


जिन्हें संगीत की परख है वे तो उनके कायल दिखे ही लेकिन युवा भी सूफी महफिल के दौरान मंत्रमुग्ध नजर आए। अठखेली करते मौसम ने भी इस महफिल में अलग ही समां बांध दिया। उन्होंने प्रस्तुतियों की शुरूआत हजरत अमीर खुसरों का कलाम ये कहते हुए सुनाया कि ये वो कलाम है जो दरगाहों में पढ़ा जाता है। इसे सिमा कहा जाता है इसका अर्थ होता है सुनना। इसके बोल थे मन तू मौला।


 

इसके बाद हजरत अमीर खुसरों का ही अगला कलाम फूल खिले बगियन में, आमद ए वसले बहार बड़ी ही खूबसूरती से सुनाया। उसके बाद उनके अगले गाने नैना मिलाके मोसे नैना मिलाके सुनाया, जिसमें कई सुफिज्म शेर सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। एक कलाम के बीच उन्होंने शेर पढ़ा जज्बे इश्क देखते वक्त वो कैसा होगा, सामने नजरों के जब यार का जलवा होगा। उन्होंने खुसरो के वसंत पर लिखी बंदिश को उसकी पूरी कहानी से सुनाया। इसमें एक बार कुछ राहगीरों को जाता देख उनसे पूछते हैं कि कहां जा रहे हो तो जवाब मिलता है कि अपने राम और कृष्ण को मनाने। खुसरो साहब सोचते हैं कि मेरा गुरु, मेरा पीर भी कहीं मुझसे नाराज न हो। इसके बाद बंदिश लिखी फूल खिले बगियन में।


 

अंत में सुनाईं कब्बालियां भी


उन्होंने उस्ताद नुसरत फतेह अली खां के गीत सांसों की माला पर सिमरू मैं पी का नाम ये कहते हुए सुनाया कि ये वो कलाम सारी दुनिया में मकबूल और मशहूर हुआ है। अगला कलाम कबीरदास का सुनाया, जिसके बोल थे जो सुख पायो राम भजन में वो सुख नां ही अमीरी में, मन लागो मेरो यार फकीरी में। इसके बाद हर बला सर पर आ जाए लेकिन हुस्न वालों से अल्लाह बचाए को आवाज दी। आखिर में दमादम मस्तकलंदर गाकर सभा का समापन किया। हुसैन गु्रप में तबले पर सैयद सलमान, ढोलक पर मोहब्बत नसरूद्दीन, कोरस पर सैयद आमिर, सैयद जाकिर, जावेद खाान, फाजिल हुसैन खान शामिल रहे। स्वागत विशेष अतिथि आदेश बिरला, आरएन मिश्रा और नवीन मित्तल ने किया। चांसलर रूचि सिंह चौहान, प्रो चांसलर दौलत सिंह चौहान, रजिस्ट्रार डॉ ओमवीर सिंह भी मौजूद थे। अंत में आईटीएम यूनिवर्सिटी की तरफ से खेलो इंडिया में चैंपियन बनकर आई हॉकी टीम का सम्मान किया गया।


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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
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