इस बार अलग होगा चाइल्ड बजट, 18 साल तक आयुवर्ग के लिए 30 हजार करोड़ के प्रावधान

भोपाल। ‘जेंडर बजट’ की तर्ज पर ही मप्र की कमलनाथ सरकार इस बार प्रयोग के तौर पर अलग से ‘चाइल्ड बजट’ को पेश करने जा रही है। बजट में इसकी अलग बुक होगी, जिसमें 10 से अधिक विभागों की 18 वर्ष तक की स्कीमों को एक साथ लाया जा रहा है। राशि करीब 30 हजार करोड़ से भी अधिक होगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ और वित्तमंत्री तरुण भनोत ने इसका प्रारूप देख लिया है। आगामी 13 मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक से पहले इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यह पहली बार होगा, जब बजट में वित्तमंत्री अलग से बताएंगे कि बच्चों और युवाओं के लिए वह क्या-क्या करने जा रही है। वित्त विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि स्कूल व तकनीकी शिक्षा, आदिम जाति व अनुसूचित जाति कल्याण, नगरीय विकास, पर्यटन और हायर एजुकेशन के पूरे मद के साथ महिला एवं बाल विकास की भी राशि का जिक्र होगा। इस बार राज्य सरकार आबकारी, परिवहन, माइनिंग और वन का भी राजस्व लक्ष्य 10 से 15 फीसदी तक बढ़ा रही है। बजट में चूंकि नए करों या वैट बढ़ाने की ज्यादा संभावनाएं नहीं है, इसलिए मौजूदा स्टांप ड्यूटी को ही राज्य सरकार बढ़ाकर राजस्व जुटाएगी। इसमें भी खनन करने वालों से 200 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य है। अभी माइनिंग के लिए जमीन के एग्रीमेंट पर स्टांप ड्यूटी 0.25 फीसदी लगती है, इसे बढ़ाकर 0.75 फीसदी किया जा रहा है।


एटीएफ पर वैट घटेगा...एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर लगने वाले वैट को सरकार घटा सकती है। खासतौर पर भोपाल और इंदौर में। वित्त विभाग का मानना है कि इन दोनों जगहों पर एटीएफ पर लगने वाला वैट कम होगा तो रात की उड़ान बढ़ेंगी और एयरपोर्ट को पार्किंग शुक्ल का भी फायदा मिलेगा। वैट घटता है तो राज्य सरकार को सालाना 4 से 5 करोड़ रुपए का ही नुकसान होगा।