हर क्लास में अव्वल रहती थी गैंगरेप पीड़ित छात्रा, लेकिन मां और शिक्षिका को भी नहीं बताया दर्द

बैतूल / गैंगरेप से आहत होकर केरोसिन डालकर खुद को आग लगाने वाली आदिवासी नाबालिग छात्रा हर क्लास में टॉप आती थी। वह स्कूल में नियमित आती थी। छात्रा केरोसिन डालकर आग लगाने से पहले परेशान तो रहती थी, लेकिन शिक्षिका तथा मां को भी अपना दर्द नहीं बताया। इधर, पुलिस ने आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर लिया है, लेकिन छात्रा के साथ गैंगरेप कहां और कब-कब हुआ, इसको लेकर पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ नहीं की है। कोतवाली थाना क्षेत्र में आठवीं में पढ़ने वाली आदिवासी छात्रा होनहार थी। सातवीं में 80 प्रतिशत अंक लेकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। पांचवीं में भी 80 प्रतिशत अंक आए थे। स्कूल की शिक्षिका ने बताया वह नियमित रूप से स्कूल आती थी। 24 फरवरी को भी वह स्कूल आई थी। छात्रा पढ़ाई के साथ खेल तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल होती थी। शिक्षिका ने कहा पढ़ाई के दौरान कभी लगा ही नहीं, कि उसके साथ इतनी बड़ी घटना घटी हुई है। शिक्षिका के अलावा साथ में पढ़ने वाली सहेलियों से भी उसने अपना दर्द बयां नहीं किया। शिक्षिका ने कहा हमने एक होनहार छात्रा खो दी। मां ने बताया कुछ दिनों से बेटी परेशान तो रहती थी, लेकिन पूछने पर भी घटना के बारे में कभी कुछ नहीं बताया। मां ने कहा गर्मी की छुट्टियों में तीन दिन सदर के रैन बसेरा में रहकर केटरिंग में काम किया था। इसकी जानकारी हमको लगने के बाद उसे गांव बुलवा लिया था। पुलिस सोमवार रात को उसे लेकर रात डेढ़ बजे गांव आई थी, पुलिस के जाने के बाद उससे बैतूल जाने का कारण पूछा, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। मैं बार-बार उससे पूछती रही, लेकिन वह हर बार टालती रही। लेकिन वह घर से बिना बताए कहीं चली जाती थी।


पुलिस को घटना स्थल की जानकारी ही नहीं 
पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को कहां अंजाम दिया, पीड़िता की आरोपियों से कहां जान- पहचान हुई सहित अन्य सवालों के जवाब में एसपी डीएस भदौरिया ने सिर्फ इतना ही कहा कि यह सब जांच में सामने आएगा। लेकिन घटना स्थल का खुलासा नहीं किया। कोतवाली टीआई राजेंद्र धुर्वे ने कहा कि आरोपियों को पूछताछ के लिए 29 फरवरी तक रिमांड पर लिया है। आरोपियों ने घटना को कहां अंजाम दिया। इसकी जांच चल रही है। पूछताछ में ही आरोपियों से खुलासा होगा। 


चाइल्ड लाइन का सवाल- काउंसलिंग के लिए क्यों नहीं बुलाया
चाइल्ड लाइन की चारु वर्मा ने कहा 24 फरवरी को पीड़िता के थाने पहुंचने पर पुलिस को बच्ची की काउंसलिंग के लिए हमें बुलवाना था। काउंसलिंग हो जाती तो वह आपबीती बता देती और शायद यह घटना नहीं होती। चाइल्ड लाइन की टीम ने गुरुवार को पीड़िता के घर पहुंचकर मामले की पड़ताल की।


भाजपाइयों ने थाने के फुटेज की जांच की मांग की
सांसद दुर्गादास उइके, विधायक डॉ. योगेश पंडागरे, पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल ने एसपी डीएस भदौरिया से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की। भाजपाइयों ने पुलिस से कहा कि जब पीड़िता सोमवार रात 11 बजे थाने पहुंची तो उसकी रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं की गई। उन्होंने एसपी से थाने के उस समय के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की मांग की। उन्होंने गांव से काम करने एवं पढ़ने वाली छात्राओं व महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देने एवं सार्वजनिक स्थानों के संज्ञान लेने पर जोर दिया।