हम सभी सिंधिया के साथ जहां वे जाएंगे वहीं हम जाएंगे

डबरा। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके जाने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता ाीभी उनके साथ चले गए हैं और अपने पदों से त्यागपत्र दे दिए हैं। कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष रहे मोहन सिंह राठौर ने अपने पद से स्तीफा सौंप दिया है। इसी तरह जिला ग्रामीण महामंत्री अशोक अग्रवाल ने अपने सैकड़ों साथियों सहित एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महीप सिंह यादव हरसी मंडलम अध्यक्ष उदय भान सिंह रावत ने अपने पदों एवं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रहने का निर्णय लिया है। अचानक हुए इस फेरबदल के बाद लोगों की निगाहें भी दिनभर मोबाइल की स्क्रीन पर टिकी रही। वह यह जानने में लगे रहे कि सिंधिया के साथ कौन-कौन चेहरे उनके साथ चले गए हैं। अपने पदों से त्यागपत्र दे चुके कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह सिंधिया जी के साथ रहेंगे। जहां वह जाएंगे वे भी वहीं जाएंगे। इधर कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों का कहना है कि जो लोग पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं वह कचरे की तरह है। उनके जाने से कचरा साफ हो रहा है। आने वाले समय में कांग्रेस और मजबूत संगठन के रूप में सामने आएगी। अभी तक दो चार नाम ही ऐसे सामने आए हैं जिन्होंने अपने पदों से स्तीफा दिया है और वह कांग्रेस को छोड़कर सिंधिया जी के साथ चले जाने का दावा कर रहे हैं। सिंधिया के साथ चलने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि समूचे ग्वालियर संभाग में कांग्रेस की पहचान सिंधिया से है जब वही पार्टी के विभिन्न पदों से और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं तो ऐसी स्थिति में हम भी सिंधिया समर्थक हैं उनके इस निर्णय के साथ ही जाएंगे।


 

एक खेमे में हलचल दूसरे कईयों ने साधी चुप्पी


ग्वालियर जिले के डबरा और भितरवार क्षेत्र में कहीं न कहीं दो दिग्गजों के खेमे रहे हैं। जिनमें एक खेमा सिंधियाजी का है दूसरा खेमा कमलनाथ का माना जाता है। इस उठापटक के दौर में सिंधिया खेमे के कार्यकर्ता उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गए हैं। इधर कमलनाथ खेमे के कार्यकर्ता पार्टी की बजा रहे हैं। इधर कुछ चेहरे ऐसे भी हैं दिखने में तो सिंधिया ग्रुप के थे लेकिन विचारधारा दूसरे खेमे के साथ थी। यही कारण है कि सिंधिया के कांग्रेस से चले जाने के बाद भी खुद को सिंधिया का कहने वाले चुप्पी साधकर बैठ गए हैं। जो कट्टर सिंधिया समर्थक थे वे सामने आ गए हैं और उनके साथ चलने के लिए तैयार हैं।


 

इनका कहना है


हमारे यहां संभाग की पहचान सिंधिया से है। इसलिए हम उनके साथ है। वह जहां जाएंगे हम वहीं जाएंगे। इसलिए हमने भी अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।


अशोक अग्रवाल, महामंत्री, ग्वालियर ग्रामीण कांग्रेस।


हम तो कांग्रेसी हैं और रहेंगे। जिसको जाना है वो जाए। किसी के जाने से पार्टी या संगठन को कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे यहां से तो कचरा साफ हुआ है। अब कभी मौका मिलेगा तब जनता ही अपना जवाब उनको देगी।


रघुनाथ तिवारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, डबरा।


हम सब महाराज सिंधिया के साथ रहेंगे। जहां वह जाएंगे उनके साथ ही जाएंगे। मैंने अपने पद से स्तीफा दे दिया है।


मोहन सिंह राठौर, ग्वालियर ग्रामीण अध्यक्ष, कांग्रेस।