हल्दी-मिर्च के सैंपल से होली पर ले रहे सेहत की बलाएं

कोरबा । रंगों के त्योहार होली के मद्देनजर आपकी रसोई में पहुंच रहे सामान की गुणवत्ता कहीं खराब तो नहीं, इसे लेकर एक बार फिर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम दुकानों में अभियान चला रही है। पहले दिन हल्दी व मिर्च के सैंपल लेकर होली के बहाने सेहत पर बुरा असर डालने वाली बलाएं ली गई। कोरबा शहर से लेकर उपनगरीय क्षेत्रों एवं विभिन्न विकासखंड में संचालित जनरल स्टोर्स, कैंटीन व अन्य प्रतिष्ठानों में जांच अभियान चलाकर सैंपल लिए गए, जिन्हें प्रायोगिक जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। होली त्योहार को देखते हुए कोरबा स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों में सघन जांच कार्रवाई की जा रही है। इस जांच अभियान के दौरान पहले दिन फर्म पालीवाल सुपर मार्केट से हल्दी व मिर्च पाउडर का सैंपल लिया गया। इसकी अगली कड़ी में हरदीबाजार में संचालित योगेश जनरल स्टोर से घी व तेल के सैंपल लिए गए। इसके बाद बाल्को गेस्ट हाउस में संचातिल कैंटीन से दही व गोल्डन क्राउन बटन मशरूम, करतला ब्लॉक में मोहित जनरल स्टोर से मैदा व अरहर दाल, शुक्रवार को बरेठ जनरल स्टोर से चीनी व सूजी का सैंपल भी एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया है। इस जांच अभियान के साथ ही प्रतिष्ठान संचालकों को होली त्योहार के मद्देनजर स्वच्छता, हाइजीन व अन्य सावधानियों का ध्यान रखते हुए नियमों का पालन कड़ाई से सुनिश्चित करने दिशा-निर्देश भी प्रदान किए गए हैं। पिछले एक सप्ताह से जारी सतत जांच अभियान की कार्रवाई अभिहित अधिकारी भीष्म देव सिंह के दिशा-निर्देश से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों विकास भगत एवं आरआर देवांगन की ओर से नमूना संकलन किया गया।


दस दिन से जारी है सतत जांच अभियान


मुख्यालय के पूर्व निर्धारित निर्देश के तहत ही जिला खाद्य एवं आयुष विभाग पिछले दस दिन से विभिन्न प्रतिष्ठानों का दौरा कर रही। इस दौरान बाजार में नजर आ रही खाद्य सामग्री व खासकर तरह-तरह की मिठाइयों के सैंपल लिए गए। इस कार्रवाई में बड़ी मुश्किल यह है कि कोरबा ही नहीं, बिलासपुर में भी प्रयोगशाला नहीं होने से सभी सैंपल डाक के माध्यम से रायपुर भेजे जाते हैं। रायपुर की प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आते-आते त्योहार का सीजन बीत चुका होता है और तब तक मिलावटी चीजों से बने पकवान लोगों के पेट में जाकर स्वास्थ्य खराब कर चुके होते हैं।


 

वनस्पति घी, रासायनिक रंग का प्रयोग


ज्यादातर मामलों में सामान की गुणवत्ता को खराब करके बेचा जाता है। उदाहरण के लिए मिठाई बनाने शुद्ध खोवा, छेने या मावा का इस्तेमाल करने बजाय वनस्पति घी या नकली घी तथा सूजी मिला देते हैं। इस तरह जो कीमत मिठाई के एवज में ग्राहकों से वसूली जाती है, वास्तव में दिया गया सामान उस कीमत के मुकाबले कम गुणवत्ता का होता है। ऐसा ही प्रकरण पाए जाने पर होटल संचालक के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है। त्योहारों में तैयार होने वाली मिठाइयों में मिलावट व खराब गुणवत्ता के सामानों का इस्तेमाल अथवा रासायनिक रंगों का प्रयोग सबसे ज्यादा संभावित होता है।


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