बिजली का पोल टूटा एफआरबी स्टाफ की सतर्कता से बढ़ा हादसा टला

भितरवार। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात्रि लगभग 1ः30 बजे नया बस स्टैंड के पास स्थित हनुमान मंदिर के सामने स्थित पॉश कॉलोनी के समीप लगा बिजली का खंबा अचानक तेज हवा के कारण गिर गया। जिससे टूटकर करंट का तार सड़क पर गिर गया। सड़क पर गिरे तार से चिंगारियां उठ रही थी कि तभी भितरवार थाने की एफआरवी रात्रिकालीन गश्त के दौरान वहां से निकली तो उसके चालक बंटी रावत की निगाह तार से उड़ती चिंगारी पर पड़ी जिसके चलते एफआरबी पर तैनात पुलिस बल द्वारा बिजली कंपनी के कर्मचारियों को फोन लगाया लेकिन किसी का फोन नहीं उठा। जिसके चलते एफआरबी चालक भितरवार पावर हाउस स्थित सब स्टेशन पर पहुंचे जहां भी कई आवाज लगाने के बावजूद भी कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला। तो करीबन डेढ़ घंटे तक आसपास से रात्रि में गुजर रहे वाहन चालकों को सावधान करते हुए दूसरी साइड से निकलने के लिए बोलते रहे और खुद सुरक्षा में जुट गए। करीब 3ः30 बजे बिजली कंपनी के कर्मचारियों की खोजबीन की गई तत्पश्चात उक्त लाइन को बंद कर नगर की सप्लाई चालू की गई। सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात्रि अगर एफआरबी चालक की मुस्तैद निगाह सड़क पर टूटे पड़े तार पर नहीं पड़ती तो एक बड़ा हादसा अनजाने में घटित हो सकता था जिसे उसने अपनी सूझबूझ से और मेहनत और मशक्कत के साथ बचा लिया। उल्लेखनीय है कि जब रात्रि में खंबे से बिजली का तार टूट गया और खम्मा गिर पड़ा उसकी सूचना एफआरवी चालक द्वारा बिजली कंपनी के कर्मचारियों को देना चाहिए तो किसी का फोन नहीं उठा जबकि होली के त्यौहार को लेकर रात्रि कालीन इमरजेंसी ड्यूटी आ कर्मचारियों की लगाई गई थी साथ ही पावर हाउस पर भी पहुंचने पर तैनात कर्मचारी उपस्थित नहीं मिले ऐसे में लगता है कि बिजली कंपनी के अधिकारियों की अनदेखी के कारण कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। अगर समय रहते एफआरबी का चालक अपनी तत्परता और सूझबूझ नहीं दिखाता तो सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात्रि कोई बड़ा सा घटित हो सकता था जिसकी जिम्मेदारी संबंधित या तो पुलिस प्रशासन की मानी जाती या बिजली कंपनी की लेकिन बिजली कंपनी अपने कर्मचारियों की गलती पर आगे क्या कार्रवाई करता है यह अभी प्रश्न सभी के मन में बना हुआ है।