बेटियों से नहीं बेटे से कहें शाम को जल्दी घर आ जाना

कोरबा । नारी तो सशक्त है। आज की महिला वह सब कर सकतीं हैं, जिस पर कभी सिर्फ पुरुष का वर्चस्व था। दुर्बलता का अध्याय तब शुरू हो जाता है, जब घर पर पालक ही बेटियों से कहते हैं कि शाम होते ही जल्दी घर आ जाना। लड़कों को पूरी आजादी दे दी जाती है। हम यहां कैसी समानता की बात करते हैं। जो सीख हम बेटी दे रहे, बेटों को भी बचपन से ही संस्कारों में ढालना शुरू करें, तो माता-पिता को बेटी से ऐसा कहने की जरूरत ही न पड़े। छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस दौरान प्राचार्य डॉ. गजेंद्र तिवारी ने विद्यालय की शिक्षिकाओं को पुरस्कृत किया। उन्हें शॉल-श्रीफल एवं मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया। अपनी प्रतिभा के बूते शिक्षण क्षेत्र में पहचान बना चुकीं शिक्षिकाओं ने इस अवसर पर अपनी बात रखी। नारी शिक्षा पर जोर देते हुए परिवार व समाज में बेटियों को सतत प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया गया। कुछ दशक पहले के दौर में बेटियों को पढ़ाई या स्कूल जाने से रोका जाता था। उस दौर में सभी मुश्किलों का सामना करते हुए देश की उन्नति की ओर जाने वाली महिलाओं की कमी नहीं। इनमें सावित्री बाई फुले, प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू, सुनीता विलियम्स व कल्पना चावला से लेकर राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित हुईं प्रतिभा देवी पाटिल तक हर दिशा में महिलाओं ने विश्व स्तर पर पहचान कायम की है।


 

महिला प्रभुता का एक दौर था मध्ययुग


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. गजेंद्र तिवारी ने कहा कि अज्ञानता ही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है, जिस पर जीत जरूरी है। मध्ययुग में एक ऐसा दौर भी आया जब पुरुषों की प्रभुता में महिला को आना पड़ा। तब से यह सोच महिलाओं के अंदर स्थापित हो गईं। सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाएं कमजोर पड़ीं और पुरुष प्रभुता में जकड़ी रहीं। उस दौर में देश की महिलाओं के लिए मजबूत आधार का निर्माण करने अग्रसर रहीं महान नारियों ने अपनी सोच ने इन बाधाओं को उद्देश्य के आगे आड़े नहीं दिया। उनका यही ध्येय था कि महिलाओं को कैसे शिक्षित करें, ताकि उन्हें उनका हक मिल सके। आज भी वह संघर्ष जारी है, जो ग्रामीण महिलाओं को सुशिक्षित, जागरूक व आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा।


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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
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