बेटी का संकल्प: ''सरकारी कार्यालय में चक्कर नहीं लगाने दूंगी'', 100 महिलाओं को दिला चुकी पेंशन

सूरत / जिले में रमीलाबेन नाम की एक महिला भाटपोर समेत आसपास के गांवों में विधवा महिलाओं और वृद्ध पुरुषों को सरकारी पेंशन दिलाने में मदद कर रही हैं।  वे अबतक 100 से अधिक विधवा महिलाओं, वृद्ध पुरुषों और विकलांगों को सरकारी पेंशन दिला चुकी हैं। पिता की मौत के बाद उन्होंने अपनी मां को विधवा पेंशन दिलाने के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन जानकारी नहीं होने के चलते उन्हें कई महीनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े। इसके बाद उन्होंने संकल्प लिया था कि वो किसी को विधवा महिला और बुजुर्ग को पेंशन के लिए भटकने नहीं देंगी। रमीनाबेन चार बहनों में सबसे बड़ी हैं। 2013 में उनके पिता की मौत हो गई थी। 


मुझे आशीर्वाद दीजिए ताकि ऐसे ही मदद कर सकूं  
रमीलाबेन का कहना है कि मेरी मां ने विधवा पेंशन के लिए सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगाई। गांव की अन्य महिलाओं को पेंशन या दूसरे कामों के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े इसलिए नि:स्वार्थ सेवा करती हूं। अब तक 100 से अधिक महिलाओं, वृद्धों की मदद कर चुकी हूं। किसी से एक रुपया नहीं लेती हूं। केवल इतना ही कहती हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दीजिए ताकि दूसरे लोगों की भी इसी तरह से सेवा कर सकूं।