बंद सात में पांच इकाई से बिजली उत्पादन हुआ शुरू

कोरबा । तकनीकी खराबी के कारण बंद हुई विद्युत उत्पादन कंपनी की सात में पांच इकाई से बिजली उत्पादन शुरू हो गया। स्टीम पाइप को बदल कर 500 मेगावाट विस्तार परियोजना को भी चालू किया गया। इससे उत्पादन कंपनी को कुछ राहत मिली है। विद्युत कंपनी के पावर प्लांट में मेंटेनेंस का काम समय पर नहीं होने से लगातार खराबी आ रही है। एचटीपीपी विस्तार परियोजना 500 मेगावाट इकाई में मेंटेनेंस के बाद टरबाइन में वाइब्रेशन आ गया, इससे यूनिट को बंद करना पड़ गया था। शनिवार को दोबारा इकाई चालू किए जाने के बाद क्षमता बढ़ाते वक्त अचानक एक्सट्रेशन स्टीम लाइन का पाइप तेज आवाज के साथ फूट गया। इसके साथ यूनिट पुनः बंद हो गई। साथ ही झटका 210 मेगावाट क्षमता की चार नंबर इकाई को लगा और वह भी बंद हो गई। इधर संयंत्र की एक नंबर 210 मेगावाट की इकाई ट्यूब लीकेज के चलते बंद हो गई। प्रबंधन ने तकनीकी अमले के साथ 500 मेगावाट विस्तार परियोजना में आवश्यक सुधार कार्य कराने के साथ ही पाइप बदला। रविवार को इकाई चालू की गई और 329 मेगावाट ही बिजली उत्पादन किया जा रहा है। उधर 210-210 मेगावाट की एक व चार नंबर इकाई की भी तकनीकी खराबी दूर चालू किया गया, इनसे क्रमशः 46 व 166 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। डीएसपीएम की भी 250 मेगावाट क्षमता की एक नंबर इकाई चालू कर 220 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही है। उधर जांजगीर-चांपा जिले के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत गृह की 500 मेगावाट की एक नंबर इकाई की खराबी दूर कर चालू किया गया और 385 मेगावाट मिल रही है। इकाइयां चालू होने पर उत्पादन कंपनी प्रबंधन ने काफी राहत ली है।


 

राज्य में डिमांड पहुंची 3635 मेगावाट


रविवार होने के बाद राज्य में बिजली की डिमांड 3635 मेगावाट के करीब रही, जबकि उपलब्धता 3678 मेगावाट की थी। विद्युत कंपनी के पावर प्लांट तथा आइपीपी-सीपीपी को मिलाकर 1964 मेगावाट राज्य की बिजली उपलब्ध थी। सेंट्रल सेक्टर से 1716 मेगावाट बिजली लेकर राज्य के उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने से संकट की स्थिति निर्मित नहीं हो सकी।


होली के बाद विशेषज्ञ टीम करेगी जांच


 

अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत गृह मड़वा की 500 मेगावाट की दो नंबर इकाई चालू नहीं हो सकी। टरबाइन का रोटर ब्लेड टूटने से यूनिट पिछले सप्ताह से बंद पड़ी है। बताया जा रहा है कि होली के बाद बीएचईएल से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मड़वा प्लांट आएगी और जांच उपरांत ब्लेड बदलने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। नया ब्लेड बनाने एवं लगाने में भी एक माह का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है। इससे यूनिट अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह तक चालू होने की संभावना जताई जा रही है।