अफसरों के रवैये से भड़के विद्यार्थी, विवि का मेनगेट बंद कर किया हंगामा-नारेबाजी

इंदौर । लॉ कॉलेज पर कार्रवाई और एडमिशन ट्रांसफर की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा और नारेबाजी की। धार स्थित सागर इंटरनेशनल कॉलेज की संबद्धता नहीं होने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित कर रखा है। मामले में डीन का फैसला बताने के लिए विद्यार्थियों को शनिवार को विश्वविद्यालय में बुलाया गया था, लेकिन कुलपति मौजूद नहीं थीं। प्रभारी रजिस्ट्रार के संतोषजनक जवाब नहीं देने से नाराज विद्यार्थियों ने मेनगेट बंद कर घंटेभर नारेबाजी की।


शनिवार को राष्ट्रीय छात्र परिषद के विश्वविद्यालय प्रभारी हिमांशु जोशी के नेतृत्व में 30 विद्यार्थी आरएनटी मार्ग स्थित विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने कुलपति डॉ. रेणु जैन से मिलने के लिए घंटेभर इंतजार किया। डीन का फैसला जानने के लिए विद्यार्थी प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा से मिले। उन्होंने विद्यार्थियों को कुलपति से चर्चा करने का बोलकर लौटा दिया। अधिकारियों के रवैए से गुस्साए विद्यार्थियों ने मेनगेट बंद कर धरना दे दिया। नारेबाजी शुरू होते ही परीक्षा विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे और छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ. एलके त्रिपाठी आए। वे विद्यार्थियों को समझाने लगे। इस बीच एक छात्रा अपना भविष्य खराब होता देख रोने लगी और कहा कि दो साल से विश्वविद्यालय ने कॉलेज की संबद्धता दे रखी है। अब कॉलेज और विश्वविद्यालय का विवाद सामने आया तो विद्यार्थियों को परीक्षा से दूर कर दिया। कॉलेज पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसा है तो विद्यार्थियों का कॉलेज ट्रांसफर कर दें। इस बीच अधिकारियों और विद्यार्थियों में जमकर बहस हुई। अधिकारियों ने मेनगेट खोलने का कहा तो विद्यार्थी मना करने लगे। बाद में कर्मचारी गेट खुलवाने आए।


 

दो सप्ताह में निर्णय लेने का दिया आश्वासन


झूमाझटकी होते देख अधिकारियों ने पुलिस बल बुलवा लिया। बाद में पांच विद्यार्थी प्रभारी रजिस्ट्रार शर्मा से मिले। समस्या सुनने के बजाए अधिकारी इन्हें दबाने लगे। उनका कहना था कि कॉलेज से बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता का पत्र मांगा था। वह अभी तक प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिए संबद्धता जारी नहीं की है। कॉलेज पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। गुस्साए विद्यार्थियों ने कहा कि छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है। अभी तक सेकंड सेमेस्टर का रिजल्ट नहीं दिया है। यहां तक कि थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित कर दिया है। थोड़ी देर बाद अधिकारियों ने दो सप्ताह में फैसला लेने का आश्वासन दिया।