आखिर सब्र टूटा, अब समय की परीक्षा

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुधवार को भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अचानक फिर प्रासंगिक हो गया राहुल गांधी का सब्र और समय वाला ट्वीट। सिंधिया के कॅरियर के ये तीन पड़ाव भी सबसे अहम..


13 दिसंबर 2018 सीएम की कुर्सी का विवाद, और फिर यह तस्वीर


तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सिंधिया और कमलनाथ के साथ यह फोटो ट्वीट कर टॉलस्टॉय के शब्दों में लिखा था... दो सबसे ताकतवर योद्धा हैं- सब्र और समय। 
दैनिक भास्कर में प्रकाशित फोटो उस समय का है जब सिंधिया-कमलनाथ के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद चल रहा था और राहुल गांधी ने दोनों के बीच मध्यस्थता कर सिंधिया काे सब्र और कमलनाथ को राजनीति का समय बताया था। 


18 दिसंबर 2001 जब कांग्रेस में शामिल हुए


2001 में पिता माधवराव के निधन के तीन महीने बाद ज्योतिरादित्य कांग्रेस में शामिल हो गए । सोनिया से मिलाने उन्हें स्वयं दिग्विजय सिंह ले गए थे।
एक साल बाद उन्होंने गुना सीट से चुनाव लड़ा, जो पिता के निधन से खाली हो गई थी। वो भारी बहुमत से जीते। 2002 की जीत के बाद वो 2004, 2009 और 2014 में भी सांसद निर्वाचित हुए।


11 मार्च 2020 और बुधवार को भाजपा के मंच पर 


मप्र में विधानसभा चुनाव के बाद एक साल से उपेक्षा झेल रहे ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल हो गए। बड़ौदा राजपरिवार ने सिंधिया और मोदी के बीच मध्यस्थता कराई।
भाजपा में शामिल होते ही पार्टी ने सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। संभवत: वे 13 मार्च को भोपाल आकर राज्यसभा के लिए पर्चा भर सकते हैं। चर्चा यह भी है कि उन्हें केंद्र में मंत्री भी बनाया जा सकता है।