बुरहानपुर / प्रदेश में चल रहे कांग्रेस के सियासी ड्रामे का बुरहानपुर में भी असर है। आधी रात को पूर्व विधायक हमीद काजी के बेटे नूर काजी ने विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह के घर का घेराव करने की सूचना फेसबुक और वॉट्सएप पर डाली। इसी पोस्ट को उन्होंने अपने स्टेटस पर भी रखा। घेराव का समय शुक्रवार दोपहर 3 बजे बताया गया लेकिन शुक्रवार को तय समय से एक घंटा पहले दोपहर 2 बजे उन्होंने आंदोलन निरस्त करने की सूचना पोस्ट की। इसके पीछे उन्होंने शुक्रवार को विशेष नमाज होने को कारण बताया। निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह इस समय विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना के साथ बैंगलुरू के होटल पॉम मेडाेज में हैं। इन विधायकों को भाजपा द्वारा वहां ले जाना बताया जा रहा है। हालांकि शेरा इसे नकारते हुए बेटी के इलाज के लिए बेंगलुरु में होने की बात कह रहे हैं। उनके द्वारा भाजपा को समर्थन देने की भी अटकलें है। इससे अल्पसंख्यक वर्ग नाराज है। उनके इस रवैए से प्रदेश की कांग्रेस सरकार की अस्थिर होने की स्थिति बन गई है। मामले में विधायक शेरा खुलकर सामने भी नहीं आ रहे हैं। इससे उनके भाजपा को समर्थन देने की बात को हवा मिल रही है। इसी बात का विरोध करने के लिए शुक्रवार को उनके निवास का घेराव तय किया गया था।
कांग्रेस को समर्थन तो खुलकर सामने आएं
पूर्व विधायक के बेटे नूर काजी ने कहा- बुरहानपुर की जनता ने ठाकुर सुरेंद्र सिंह को भाजपा के विरुद्ध वोट दिया था, लेकिन वे कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर भाजपा को समर्थन देने का मन बना रहे हैं। यह मतदाताओं के साथ धोखा है। इसी को लेकर उनके घर का घेराव किया जाना था लेकिन शुक्रवार की विशेष नमाज होने और पिछले कुछ वर्षों में शुक्रवार को हुए मामलों को देखते हुए इसे निरस्त कर दिया है। शनिवार को घेराव करने को लेकर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा सुरेंद्रसिंह सरकार को समर्थन दे रहे हैं तो खुलकर सामने आएं। फोन पर और पर्दे के पीछे से बयानबाजी नहीं करें।
विधायक के भतीजे बोले, पहले दिन से कांग्रेस के साथ
भाजपा को समर्थन देने और विधायक निवास का घेराव करने की बात पर विधायक शेरा के भतीजे हर्षितसिंह ठाकुर ने कहा चुनाव जीतने के बाद से हम कांग्रेस के साथ हैं। बिना किसी शर्त के पहले दिन से हमने कांग्रेस को समर्थन दिया है। ऐसे में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की बात नहीं है। विधायक लगातार यह कह रहे हैं कि वे सरकार के साथ हैं। घेराव होने की बात का हमें पता नहीं लेकिन कांग्रेस ऐसा करती है तो ठीक बात नहीं है।
घेराव की नहीं दी अनुमति
विधायक निवास के घेराव की प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। हालांकि घेराव की जानकारी मिलने के बाद उनके निवास पर सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे लेकिन एक घंटा पहले ही घेराव निरस्त होने की जानकारी मिली। एसडीएम काशीराम बड़ोले ने बताया घेराव या किसी भी प्रदर्शन के लिए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। बिना अनुमति कोई ऐसा करता है तो कार्रवाई करेंगे।
इसलिए डर : सरकार गिरने पर सीएए, एनआरसी लागू न हो जाए
विधायक सुरेंद्रसिंह के भाजपा को समर्थन देने की बात सामने आने से अल्पसंख्यक वर्ग नाराज नजर आ रहा है। इसके पीछे सिर्फ सत्ता परिवर्तन ही नहीं, बल्कि सीएए और एनआरसी का डर भी बताया जा रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होता है और भाजपा की सरकार बनती है तो सीएए लागू कर दिया जाएगा। आगे एनआरसी का रास्ता भी साफ होगा। अल्पसंख्यक वर्ग इसके विरोध में है, वह नहीं चाहते कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बने।
अल्पसंख्यकों ने दिया समर्थन, वह भी नहीं चाहते सरकार गिरे
निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्रसिंह को विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों ने खुलकर समर्थन दिया था। चुनाव के पहले आम सभाओं से लेकर चुनाव के नतीजे आने के बाद तक यह स्थिति स्पष्ट हो गई थी। अल्पसंख्यक वर्ग भी यह नहीं चाहता है कि कांग्रेस की सरकार गिर जाए। क्याेंकि इसमें बड़ा तबका कांग्रेस समर्थित ही है। अल्पसंख्यक वर्ग का समर्थन मिलने से ही सुरेंद्रसिंह ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को कड़े मुकाबले में पांच हजार वोटों से हराया था।
उन्होंने जनता को धोखा दिया इसलिए विरोध, घेराव से कांग्रेस का लेना-देना नहीं
घेराव से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। बुरहानपुर की जनता ने भाजपा के खिलाफ ठाकुर सुरेंद्रसिंह को वोट दिया था। जनता चाहती है कि वे सेकुलर पार्टी का समर्थन करें लेकिन सांप्रदायिक लोगों के साथ मिलकर जनता को धोखा दे रहे हैं। इसलिए जनता में विरोध है।
अजयसिंह रघुवंशी, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस