15 साल में बचाई 171 सांपों की जिंदगी

इंदौर / इस महिला दिवस पर बात एक ऐसी महिला की जो इंसान और जीवों के बीच सामंजस्य स्थापित करने और पर्यावरण को बचाने के लिए करीब 15 सालों से एक ऐसे खतरनाक काम को अंजाम दे रही है जिसे करने में अधिकांश पुरुष भी घबराते हैं। ये हैं पंचवटी कॉलोनी निवासी सुषमा पटेल। जो 15 सालों में 171 सांपों की जिंदगी बचा चुकी हैं। इनमें कोबरा, रसैल, वाइपर, करैत जैसे कई जहरीले सांप भी शामिल हैं। करीब डेढ़ दशक पहले जब उनका परिवार इस कॉलोनी में रहने आया तो आसपास काफी खुला इलाका और खेत-खलिहान थे, इसलिए कॉलोनी में अकसर बड़े-बड़े सांप दिख जाते थे। लोग इन्हें मार देते थे। इसके पीछे उनका तर्क होता था कि अगर इन्हें जिंदा छोड़ दिया तो इनके डंसने से इंसान की जान भी जा सकती है।


पहली बार में काट लिया सांप ने


सुषमा बताती हैं कि एक दिन रास्ते से गुजरते वक्त एक काफी लंबा घायल सांप दिखा। मुझे लगा ये मर गया है तो इसे हटाकर एक तरफ कर दूं। जैसे ही मैंने एक लकड़ी से उसे धकेला, उसने मेरे हाथ पर काट लिया। मुझे तत्काल एमवाय अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद मैंने सोचा कि अगर सांप के काटने के बाद भी मैं बच सकती हूं तो फिर इस पर्यावरण हितैषी जीव को यूं ही नहीं मरने दूंगी।


 

टीवी चैनलों पर सीखे सांप पकड़ने के तरीके


सुषणा के मुताबिक मैंने वाइल्ड लाइफ से जुड़े टीवी चैनल देखने शुरू किए और उसमें सांपों को पकड़ने के तरीके और उस दौरान रखी जाने वाली सावधानियां सीखने लगी। उज्जौन के सर्प संग्रहालय में आयोजित कार्यशाला अटैंड की और ऑनलाइन सांप पकड़ने की स्टिक मंगाई। वन विभाग के कर्मचारियों से चर्चा की। कॉलोनी में अगली बार सांप नजर आने पर मैंने लोगों से कहा कि मारने के बजाय मुझे उसे पकड़ने की कोशिश करने दो। थोड़ी दिक्कत तो हुई लेकिन आखिरकार बात बन गई और हम सांप पकड़कर उसे रालामंडल के जंगल में छोड़ने में सफल हो गए।


 

पहले वन विभाग को देते हैं जानकारी


इसके बाद तो ये सिलसिला बन गया। कॉलोनी में जब भी कोई सांप नजर आता, लोग मुझे फोन करते और मैं उसे पकड़कर जंगल में छोड़ आती। हालांकि ये काम वन विभाग का है, लेकिन दिक्कत ये है कि उनके कर्मचारी हर वक्त हर जगह तो मौजूद नहीं रह सकते हैं। कई बार उनके पहुंचने तक स्थिति हाथ से निकल जाती है, इसलिए हम अब भी पहले तो वन विभाग वालों को ही सांप के बारे में जानकारी देते हैं लेकिन अगर उनके पहुंचने के पहले ही हालात बेकाबू होते दिखते हैं तो मैं अपनी ट्रेनिंग का इस्तेमाल कर सांप पकड़कर उनके हवाले कर देती हूं।


पति के सहयोग से मिला हौसला


पहले मेरे पति जयदीप पटेल को लगता था कि मैं ये खतरनाक काम न करूं, लेकिन अब मुझे उनका पूरा सहयोग मिल रहा है और कई सांपों के पकड़ने के दौरान उन्होंने मेरी सहायता भी की है। शुरू-शुरू में मैं पकड़े गए सांपों की गिनती नहीं करती थी लेकिन जब बात आधा दर्जन सांपों के ऊपर पहुंच गई तो कैलेंडर पर ही उनकी नोटिंग करने लगी। भारतीय परंपरा में भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान हैं तो भगवान शंकर के गले में सर्प शोभायमान है, लेकिन इसके बावजूद 'सांप' शब्द सुनते ही हम घबरा उठते हैं और अगर कहीं सांप दिख जाए तो यही चाहते हैं कि उसे किसी तरह मार दिया जाए ताकि हम अपनी जिंदगी को लेकर निश्चिंत हो जाएं, जबकि शोधों से ये साबित हो चुका है कि अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते हैं। इसलिए मैं यही सुझाव दूंगी कि अगर आपको कभी कोई सांप काट ले तो झाड़-फूंक कराने के बजाय तत्काल जख्म के ऊपरी हिस्से पर टाइट कपड़ा बांधकर तुरंत अस्पताल जाकर इलाज करवाएं। यकीन जानिए, आपकी जान बच जाएगी।


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