यह सरकारी स्कूल बन रहा है विश्वस्तरीय

यह सरकारी स्कूल बन रहा है विश्वस्तरीय


microsoft कंपनी ने गोद लिया


शिवपुरी।  एक सरकारी स्कुल को विश्वस्तरीय बनाने की योजना चल रही हैं। बताया जा रहा हैं कि विश्व प्रसिद्ध कंपनी माइक्रोसाफ्ट के साथ मध्यप्रेदश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रदेश के चयनित प्रदेश के 52 स्कूलो को यह विश्व स्तरीय स्वरूप देने जा रहा हैं। इसमें संभाग के 8 स्कूल और शिवपुरी का 1 स्कूल चयनित हुआ हैं। 




विश्व स्तरीय बनाए जा रहे सरकारी स्कूल प्रदेश के पहले ऐसे सरकारी स्कूल होंगें,जहां एलकेजी और यूकेजी जैसी प्रारंभिक कक्षाओ में भी प्रवेश देकर अध्यापन कराया जाऐगा। एलकेजी और यूकेजी में संस्कृत भापा पर जोर रहेगा। 



इसके पीछे तर्क है किे संस्कृत विश्व की एक ऐसी भाषा हैं जो साफ्टवेयर के लिहाज से विश्व भर में सर्वमान्य मानी जाती हैं। वही कक्षा 1 से 12वीं तक अंग्रेजी,विज्ञान के अलावा विश्व की अन्य भाषाओ का भी ज्ञान कराया जाऐगा। 


एजुकेशन फोर आल नाम से चलाए जा रहे इस अभियान के लिए वर्तमान स्कूलो को ही मॉडिफाई किया जाऐगा। इन स्कूलों के शिक्षक पेन,चॉक की वजाय टैबलेट से लैस नजर आऐंगें।

भोपाल में इसके लिए स्टूडियो भी तैयार हो गया हैं जहां से विशेषज्ञ आनलाईन भी शिक्षण व शिक्षकों को टिप्स देंगें। देश के 42 प्रमेख में मान्य एलडब्ल्यूएसई सर्टिफिकेट भी इन स्कूलों को हासिल होगा,शिवपुरी नगर के मध्य एकीकृत शाला शा.क.उ.मा.विदयालय सदर बाजार स्कूल इस योजना में चयनित हुआ हैं। 

ओपन बोर्ड और साफ्टवेयर कंपनी ने इस पूरी कवायद को लेकर पिछले वर्ष नवंबर में दिल्ली में चयनित स्कूलो के प्राचार्यो का सेमीनार भी आयोजित किया था जिसमें देश भर से विश्व स्तरीय स्कूलो से आए विषेशज्ञों ने पूरी योजना को समझाया था। 

इस कारण चयन किया गया सदर बाजार स्कूल 
यह स्कूल शहर के मध्य स्थापित हैं,इस स्कूल के पास पर्याप्त स्थान और कैंपस हैं,हायर सेकंडरी तक संचालन,प्राचार्य का रचनात्मक होना,जैसे बिंदू इस चयन प्रक्रिया पर खरे उतरे इस कारण यह स्कूल चयनित हुआ। 

बताया जा रहा है इस विश्व स्तरीय स्कूल को बनाने के लिए कंपनी ने लगभग प्रत्येक स्कूल को 2 करोड रूप्ए का फंड देने की योजना बनाई हैं। सदर बाजार स्कूल के प्राचार्य एनके जैन ने बताया कि इसकी कवायद पिछले वर्ष से शुरू हो गई थी,लेकिन पूरा प्लान तैयार नही था। अब इस बने प्लान को धरातल पर उतारा जा रहा हैं। 

माइक्रोसाफ्ट कंपनी से करार के बाद यह भी साफ हो गया हैं कि केजी  कक्षाओ में संस्कृत तो अन्य कक्षाओ में किस भाषा और विषय पर फोकस होगा। कंप्यूटर लैव में कंप्यूटरो की संख्या,एलसीडी प्रोजेक्टरो की संख्या व मापदंडो को भी अब साफ कर दिया गया हैं। 

प्रारंभिक बजट 15 लाख रूपए भी इन स्कूलो को उपलब्ध करा दिया गया हैं। इन स्कूलो को अमेरिका जर्मनी सहित विश्व के विकसित देशो में शिक्षा में अपनाई जा रही स्टीम प्रणाली को अपनाया जाऐगा। इसमें साइंस,मैथ्स जैसे पाठयक्रमो पर विशेष फोकस रहेगा। 

चयनित स्कूलो में जिला मुख्यालय के 45 स्कूलो में 40 कम्प्यूटरो की विशेष लैव जबकि ग्वालियर,भोपाल,इंदौर के जबलपुर जैसे 1 संभागीय स्कूलो में 100 कम्प्यूटरो की विशेष लैव होगी। जहां माइक्रोसाफ्ट के शैक्षाणिक पाठयक्रमो का उपयोग शिक्षण के लिए जाऐगा।