वीरांगना लक्ष्मीबाई की तरह अपने कर्तव्य के साथ,माँ का फर्ज निभाती महिला पुलिसकर्मी

वीरांगना लक्ष्मीबाई की तरह अपने कर्तव्य के साथ,माँ का फर्ज निभाती महिला पुलिसकर्मी


महिला अपने जीवन में कितने प्रकार के किरदार और जिम्मेदारियां निभाती है इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला पुलिस के प्रति समर्पित भावना को देखते हुए डीआईजी सुभाष सिंह बघेल ने एक हजार का पुरस्कार देकर अर्चना के कार्य की जमकर प्रशंसा भी की”


झाँसी/उत्तरप्रदेश। झाँसी की रानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की पावन धरा यूपी के झाँसी से पुलिस विभाग में तैनात महिला कांस्टेबल कुछ ऐसा ही रूप में दिखाई पड़ा। जहाँ एक महिला कांस्टेबल की ड्यूटी के प्रति उसकी लगन और निष्ठा से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें महिला अपने आठ माह के बच्चे के साथ थाने में ड्यूटी करती दिख रही है। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कांस्टेबल की प्रशंसा की।


क्या है मामला


बताया गया कि अर्चना की ड्यूटी एक परीक्षा केंद्र में पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए लगाई गई थी। जब वह कोतवाली से ड्यूटी पर रवाना होने वाली थीं। इसी बीच कोतवाल उमेश चंद्र त्रिपाठी ने ड्यूटी परीक्षा केंद्र से हटवा कर कोतवाली के रिसेप्शन पर लगवा दी। इसके बाद भी अर्चना की ड्यूटी के प्रति लगन कम नहीं हुई। इसी बीच क्लिक की गई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। रिसेप्शन पर ड्युटी के दौरान कांस्टेबल अपनी नन्ही बेटी को कांउटर पर ही सुलाकर फरियादियों का हर संभव मदद भी करती दिखी। महिला कांस्टेबल अर्चना का कहना है कि उसकी बड़ी बेटी अपने नाना के पास आगरा में पल रही है।


अधिकारिंयों से अपील


अधिकारिंयों से विनम्र अपील है कि ईनाम व प्रशस्ति पत्र की जगह वास्तविक ईनाम तो वह होता जब महिला कॉस्टेबल को अपने गृह जनपद मे ड्यूटी दी जाती तो बच्चे को दादी,नानी की भी परवरिश मिलती,आठ घंटे ड्यूटी के पश्चात अपने बच्चे की देखभाल करती पर्दे से पीछे की तस्वीर के बारे मे सोचिए!! यदि महिला आरक्षी द्वारा किसी महिला का मेडिकल कराने अथवा बैंक ड्यूटी या शांति व्यवस्था में लगी होती तो मजबूरी मे लक्ष्मीबाई बनना ही पडता।


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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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