सुप्रीम कोर्ट ने मदद के लिए नितिन गडकरी को बुलाया, कहा- 'इसे निमंत्रण समझें'![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh3wlBNj9LtqMR4d1E86XM95GotcOBuFJF2Zo-etKgZB3W_U1LrWBfpas8LfS3nR9C9fmvPXKTC8V5e_nteI91XNW3YTymXl1OH9AYIvcmrtgmhpWXkzYgOyNFD5VbBvWxZFreGSnHmew/)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में मदद के लिए आमंत्रण देने की पेशकश की. मामला सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक तकनीक अपनाने की मांग का है. सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने केन्द्र सरकार के वकील से पूछा- क्या परिवहन मंत्री आकर हमें इलैक्ट्रिक वाहनों की तकनीक की योजना की जानकारी दे सकते हैं? चीफ़ जस्टिस ने कहा कि इसे समन नहीं निमंत्रण समझें क्योंकि इलैक्ट्रिक वाहनों के बारे में योजना की साफ़ तस्वीर अधिकारियों से ज़्यादा स्पष्ट उन्हें होगी.
लिखित में कोई आदेश पारित नही:-
एडिशनल सलिस्टर जनरल ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री को सुप्रीम कोर्ट बुलाया जाएगा तो इसका राजनीतिक असर पड़ेगा. इसके बाद कोर्ट ने नितिन गड़करी को सुप्रीम कोर्ट में आमंत्रित करने के लिए फिलहाल लिखित में कोई आदेश पारित नही किया.
सरकार को कोई आदेश नही दे रहे: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को कोई आदेश नही दे रहे, बल्कि हम ये जानना और समझना चाहते हैं कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सरकार के पास क्या योजना है.
किसी अधिकारी को भी सुप्रीम कोर्ट भेज सकते हैं
चीफ़ जस्टिस ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री में इलैक्ट्रिक वाहनों को लेकर कई बार बयान जारी किया है. केंद्रीय मंत्री चाहें तो वह अपने किसी अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट भेज सकते हैं जो इस बारे में कोर्ट को पूरी जानकारी और योजना के बारे में बताए।
प्रदूषण को लेकर समझौता नही किया जा सकता
सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि प्रदूषण को लेकर समझौता नही किया जा सकता है. यह मामला न केवल दिल्ली एनसीआर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। मामले की अगली सुनवाई चार हफ़्ते बाद होगी।