शिवपुरी में धड़ल्ले से दौड़ रहे बिना परमिट फिटनेस मैजिक व अन्य वाहन, गहरी निंद्रा में परिवहन विभाग

शिवपुरी में धड़ल्ले से दौड़ रहे बिना परमिट फिटनेस मैजिक व अन्य वाहन, गहरी निंद्रा में परिवहन विभाग


शिवपुरी । परिवहन विभाग का ढीला रवैया शायद फिर किसी बड़े हादसे का इन्जार करता हुआ नजर आ रहा है परिवहन विभाग कितना सजग है जिसकी वास्तविकता सड़क पर देखी जा सकती है
शिवपुरी से बदरबास , शिवपुरी से कोटा-वारां रोड़ , शिवपुरी से झांसी रोड़ पर अवैध तरीके से बिना कागज के मैजिक चालक यात्री वाहन तेज गति में चलाते देखे जा सकते है इन सभी हाइवे पर अवैध वाहन जहा से भी गुजरते है वहां उनके दस्तावेज कोई चेक नही करता है ओर यदि होते भी है तो लेनदेन से सारा मामला निपटा लिया जाता है सबसे बड़ी बात यह की ये वाहन इतनी लंबी दूरी बिना दस्तावेज के तय करते है जिनके बीच रास्ते में कई थाने व पुलिस चौकी के साथ साथ दो मुख्य राज्यमार्गो पर आरटीओ बेरियर भी है जहां चौबीसो घंटे बैरियर कर्मचारी व प्राइवेट लठैत भी तैनात रहते है इतना सब कुछ होने के बाद भी यह सब अरसों से चल रहा है ओर ये वाहन बिना बीमा ,फिटनेस ,परमिट के धड़ल्ले से चला रहै है ।


शिवपुरी में बने है तीन अवैध स्टैंड


शिवपुरी शहर के बीचों बीच इन मैजिक , जीप , आपे , ट्रैक्टर ट्रॉली खड़े होने के तीन पॉइंट वर्षो से जारी है ।
पहला शहर के हृदय स्थल माधव चौक मस्जिद के सामने जहां पहले पेट्रोल पंप हुआ करता था बंद पड़े इस पेट्रोल पंप की जगह को इस अवैध वाहन संचालकों द्वारा अपने कब्जे में ले रखा है जहां से यह अपने वाहनों को सतनवाड़ा , नरवर व मोहना तक दौड़ाते है। दूसरा सबसे बड़ा स्टैंड झाँसी तिराहे पर है जहां से मैजिक , जीप ,आपे , ट्रेक्टर शिवपुरी से कोटा राजस्थान , वदरवास ए बी रोड़ , रन्नौद रोड़ साथ ही अन्य पास के ग्रामों में दौड़ते देखे जा सकते है। तीसरा स्टैंड पुराने प्राइवेट बस स्टैंड के पास बनाया गया है जहाँ से मैजिक, आपे, ट्रेक्टर खड़े होते है जो हर रोज करैरा, पिछोर, दिनारा के और आते जाते देखे जा सकते है।परन्तु सब जानने के बाद भी आज तक परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया गया है ।


क्या फिर कोई बड़े हादसे का इंतजार करता परिवहन विभाग


शिवपुरी जिले भर में पहले कई बड़े हादसे हुए जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवाई है उसका मुख्य कारण वाहन चालकों की मनमानी को माना गया था परंतु यह मनमानी आखिर किसके कारण, अगर परिवहन विभाग समय समय पर इन वाहनों की जांच की होती साथ ही ओवर लोड वाहनों पर लगातार कार्यवाही की होती तो शायद इतनें लोग काल के गाल में न समाते।
परन्तु इतनी मौतों से परिवहन विभाग को लगता है कोई लेना देना नहीं है वह तो अपनी वातानुकूलित वाहन व वातानुकूलित ऑफिस से ही सब कुछ चलाना चाहते हैं क्यों ऐसा माना जा रहा है कि सबकी बन्दोबस्ति पहले से ही कि जा चुकी है।


बैरियर की चमक से अंधा हुआ परिवहन विभाग


अब बात यह भी आती है जब पांचों उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में हो तो क्या करने की जरूरत यह कहावत परिवहन विभाग पर बिल्कुल दुरुस्त बैठती है क्यों कि जिले में दो आरटीओ बेरियर मौजूद जहां जहाँ लूट का माहौल बना हुआ है यह माहौल किसी से छुपा नहीं है इन बैरियर पर मौजूद कर्मचारियों द्वारा इतने बड़े पैमाने पर कोटा को पूरा किया जा रहा है जिससे आरटीओ, वाणिज्यकर, मंडी और वन विभाग की जेबें बड़ी ही आराम से भरी जा रहीं है साथ ही शासन को करोडो की टेक्स की हानि पहुँचाई जा रही है ।