शादी करना चाहते थे दोनों, लेकिन ‘गांव-गोत्र’ ने डाल दी रिश्ते में गांठ

शादी करना चाहते थे दोनों, लेकिन ‘गांव-गोत्र’ ने डाल दी रिश्ते में गांठ


फिर खौफनाक हुआ इसका अंजाम


रोहिणी / रोहिणी ईस्ट मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार,7 फ़रवरी की देर रात दिल्ली पुलिस की सबइंस्पेक्टर प्रीति अहलावत की गोली मारकर हत्या करने वाले दीपांशु ने भी आत्महत्या कर ली। प्रीति और दीपांशु एक दूसरे को पसंद करते थे, शादी करना चाहते थे। लेकिन ‘गांव-गोत्र’ की वजह से दोनों के रिश्ते में समाज ने गांठ डाल दी। तर्क दिया कि यह शादी और रिश्ता नहीं हो सकता, क्योंकि गांव-गोत्र के हिसाब से दोनों भाई-बहन हैं। बस, परिवार का यही फरमान दोनों के बीच दीवार बन गया। प्रीति तो परिवार की बात मान गई और अपने जीवन की दिशा भी बदल ली। मगर दीपांशु को समाज की यह शर्त बर्दाश्त नहीं थी। ये सभी तथ्य दिल्ली पुलिस की तहकीकात में शनिवार को सामने आए। यह जानकारी अडिशनल सीपी एसडी मिश्रा ने साझा की।


शादी से इनकार और दोस्ती तोड़ने से नाराज दीपांशु प्रीति का पीछा करता था। वॉट्सऐप पर लगातार थाने आने और निकलने का फोटो भेजता रहता था। तंग आकर प्रीति ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। उसके बाद वह अपने बैच के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी ऐसी हरकत करने लगा। पुलिस के मुताबिक, प्रीति के पिता बीएसएफ से रिटायर्ड हैं। उनकी मां और बड़ी बहन टीचर हैं, भाई न्यूजीलैंड में कंप्यूटर इंजिनियर है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से पास आउट प्रीति शुरू से पढ़ाई में तेज तर्रार थीं। दिल्ली पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर जॉइनिंग के दौरान ही दीपांशु राठी से मुलाकात हुई। दोनों में जान-पहचान, फिर गहरी दोस्ती हो गई।


हरियाणा पुलिस में थे दीपांशु के पिता
मृतक सब इंस्पेक्टर हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है। जबकि दीपांशु का परिवार सोनीपत की शास्त्री कॉलोनी में रहता है। दीपांशु के पिता दयानंद राठी हरियाणा पुलिस में थे। करीब 4 महीने पहले रिटायर हुए हैं। दीपांशु की एक बहन शादीशुदा हैं। वहीं, दीपांशु के परिजन हैरान हैं। उनका कहना है कि उन्हें उन दोनों के बीच के संबंध की कोई जानकारी नहीं। प्रीति पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाने में तैनात थीं।

कहीं और तय हो रही थी प्रीति की शादी

परिवार को जबसे उनके रिश्ते का पता चला, उन्होंने प्रीति की शादी कहीं और फिक्स करने की बात शुरू कर दी थी। आशंका जताई जा रही है कि इसी सबसे परेशान होकर आरोपी ने पहले प्रीति की गोली माकर हत्या की, फिर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।


मोबाइल में ‘विकिपीडिया’ नाम से नंबर
मोबाइल में ‘विकिपीडिया’ के नाम से एक नंबर सेव था, उस नंबर से हुई चैट से दीपांशु का पता चला। यहीं से पता चला कि दीपांशु राठी काफी समय से प्रीति के संपर्क में था। तफ्तीश में विकिपीडिया नाम से सेव नंबर की लोकेशन भी वारदात के समय वहीं पर मिली। उस नंबर पर संपर्क किया। पुलिस ने आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया। फुटेज में आरोपी की पहचान हुई। प्रीति के वॉट्सऐप में काफी मेसेज थे, जो दीपांशु राठी के थे। दीपांशु की तैनाती भजनपुरा थाने में थी।