सरकार का फरमान, नसबंदी नहीं करवाने वाले कर्मचारियों की जाएगी नौकरी![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgx1cEvYA32On6OmicdAThROi2_M6xWUJnBlk3jvbWAGb5MYWVsjYZWu_YcajrA9fVDpfWyzN8-lmlVNxrbJQ6UV16Ofn0nr9KtVUCd7SRjbFV2vbryLoLvOZv-kBipzhVBKv5uW8h_lA/)
भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार के एक अजीबोगरीब फरमान से हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को कम से कम एक व्यक्ति को नसबंदी करवाने का टारगेट दिया है। टारगेट पूरा नहीं करने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी या वेतन में भी कटौती कर दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के हेल्थ विभाग के परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने मेल मल्टी पर्पस हेल्थ वर्कर (mphws) को फरमान जारी कर कहा है कि जो भी हेल्थ वर्कर 2019-20 में नसबंदी के लिए एक भी आदमी को जुटाने में विफल रहा है उसका वेतन वापस लिया जाएगा और उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में केवल 0.5 फीसदी पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने आला अधइकारियों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से जीरो वर्क आउटपुट देने वाले पुरुष हेल्थ वर्कर्स की पहचान करने और नो वर्क नो पे सिद्धांत लागू करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगले 31 मार्च के दौरान एक भी पुरुष नसबंदी नहीं करवाने वाले वर्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह था टारगेट:-
-परिवार नियोजन कार्यक्रम में 5 से 10 पुरूषों की नसबंदी करवाना अनिवार्य है।
-मध्य प्रदेश हेल्थ मिशन की वेबसाईट पर कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत वह पहला देश था, जिसने इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में साल 1952 में ही अपना लिया था
इसमें लिखा है कि इस कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है।
फरमान से हो रही किरकिरी:-
सरकार के फरमान के बाद अब उसकी किरकिरी भी हो रही है। राज्य के एनएचएम मिशन के निदेशक की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हेल्थ वर्कर्स (एमपीएचडब्ल्यू) की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सिफारिश की जाएगी और इसके प्रस्तावों को जिला कलेक्टरों के जरिए भोपाल में एनएचएम मुख्यालय भेज दिया जाएगा।
-इसके बाद इस प्रस्ताव को आगे की कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को भेजा जाएगा।
एक नजर
-20 फरवरी 2020 तक सिर्फ 3,397 पुरुषों की नसबंदी हुई।
-2018-19 में 2925
-2017-18 में 37,19
-2016-17 में 7270
-2015 में 9,957