रियायती उद्योगों की जमीन पर बन सकेंगी कालोनियां

रियायती उद्योगों की जमीन पर बन सकेंगी कालोनियां


सरकार नियम बदलने की तैयारी में



भोपाल / प्रदेश की कमलनाथ सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अब उद्योगों को दी जाने वाली रियायती दर की जमीन पर आवासीय कालोनियां बनाने की अनुमति देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट में लाने की तैयारी भी कर ली गई है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन से वह अधिक निवेश फ्रेंडली होगी, जिससे अधिक से अधिक निवेश के लिए उद्योगपतियों को आकर्षित किया जा सकेगा। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रस्ताव में एक हेक्टेयर तक 75 फीसदी और इससे अधिक 20 से 50 प्रतिशत तक भूमि मूल्य में छूट के साथ दी जा सकती है। उद्योगों को जमीन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए निर्मित क्षेत्र का अधिकतम 75 प्रतिशत एवं फर्शी क्षेत्रानुसार (एफएआर) दो प्रतिशत किया जा सकता है। अभी निर्मित क्षेत्र का अधिकतम 60 प्रतिशत और एफएआर 1.25 फीसदी है। नए प्रावधान होने से फार्मा उद्योग प्रयोगशाला आदि के लिए भवन के ऊपरी हिस्से का अधिकतम उपयोग कर पाएंगे। विकसित और विकसित की जाने वाली औद्योगिक प्रयोजन की जमीन में एक हेक्टेयर तक 75 प्रतिशत और एक हेक्टेयर से अधिक जमीन पर 20 से 50 प्रतिशत तक भूमि के मूल्य में छूट दी जा सकेगी। पहले एमएमएमई एवं अन्य इकाइयों को अलग-अलग पांच स्लैब में छूट देने का प्रावधान था।
राशि जमा करने मिलेगा दोगुना समय
उद्योगों को आशय पत्र जारी होने के बाद राशि ब्याज सहित जमा करने के लिए अब 60 की जगह 120 दिन मिलेंगे। उद्योग को अपने कर्मचारियों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत जमीन पर भवन भी बनाने की छूट दी जाएगी। सेवा प्रदाता इकाईयों को विशेष ऊर्जा का दर्जा दिया जाएगा। इससे लाउंड्री, स्टीम, नेच्युरल गैस और बिजली प्रदान करने वाली इकाईयों को औद्योगिक भूमि के मूल्य पर विकसित भूखंड मिल पाएंगे।
इस तरह मिलेंगे भूखंड
लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब और पार्क के लिए औद्योगिक भूमि के मूल्य विकसित भूखंड पहले आओ, पहले पाओ नीति के तहत दिए जाएंगे। पहले ई-टेंडर के माध्यम से भूमि आवंटित होती थी।
अब संशोधित हो सकेगी लीज
कंपनी को लीज पर आवंटित जमीन नई कंपनी बनने और संचालक व अंशधारक समान रहने पर दस हजार रुपए का संशोधन शुल्क लेकर लीज संशोधित भी की जा सकेगी। उद्योगों से जुड़े और कई सारे बदलाव इस नियम में प्रस्तावित किए गए हैं।
भू-भाटक में मिलेगी छूट
ऐसे मामलों में जहां अतिशेष भूमि का कब्जा लेकर अन्य इकाई को आवंटित करना संभव नहीं है वहां भूमि के पूर्ण उपयोग किए जाने तक अनुपयोगी भूमि पर प्रचलित भू-भाटक का 7 गुना भू-भाटक प्रतिवर्ष देय का प्रावधान रखा गया है। पहले यह 15 गुना भूभाटक का प्रावधान था। यह रािश अत्याधिक होने के कारण न्यायालयीन विवाद होते थे।