नगर निगम द्बारा लागू किया गया सफाई कर, जनविरोधी और ग्वालियर वासियों पर आर्थिक बोझ बढाने वाले: चेम्बर

नगर निगम द्बारा लागू किया गया सफाई कर, जनविरोधी और ग्वालियर वासियों पर आर्थिक बोझ बढाने वाले: चेम्बर


ग्वालियर / नगर निगम प्रशासक की कुर्सी संभालते ही संभागायुक्त श्री एम.बी. ओझा द्बारा निगम परिषद द्बारा दो बार वापिस किये जाने वाले सफाई कर के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का चेम्बर ने विरोध करते हुए इसे जनविरोधी और ग्वालियर शहरवासियों पर आर्थिक बोझ बढाने वाला बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री-श्री कमलनाथ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, नगरीय विकास मंत्री-श्री जयवर्द्घन सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री-श्री लाखन सिंह यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री-श्रीमती इमरती देवी, ग्वालियर सांसद-श्री विवेक नारायण शेजवलकर, ग्वालियर पूर्व विधायक-श्री मुन्नालाल गोयल, विधायक, ग्वालियर दक्षिण-प्रवीण पाठक, ग्वालियर ग्रामीण विधायक-श्री भारत सिंह कुशवाह एवं नगर निगम प्रशासक-श्री एम. बी. ओझा को पत्र प्रेषित किए हैं।
चेम्बर अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है कि वर्ष २०१४ में इस तरह के सफाई कर का प्रस्ताव आया था| ग्वालियर के प्रत्येक नागरिक द्बारा विरोध करने पर उसको वापिस लिया गया था और आश्‍वस्त किया गया था कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी और आवश्यकता होने पर उससे पूर्व व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं सामाजिक संगठनों के साथ चर्चा करने के उपरांत ही यह कर लगाया जा सकेगा| वहीं वर्तमान की निगम परिषद भी इस प्रस्ताव को दो बार वापिस भेज चुकी है।


निगम प्रशासक द्बारा अचानक इसको लागू किया जाना तुगलकी फरमान के समान और नगर निगम द्बारा पूर्व में किये गये वायदे से वायदा खिलाफी है| वहीं जनप्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव को बार-बार वापस किया है, इससे स्पष्ट है कि यह निर्णय जनविरोधी है।
पदाधिकारियों ने बताया है कि नगर निगम द्बारा पूर्व से सम्पत्ति कर के साथ स्वच्छता शुल्क वसूला जाता है और उस स्वच्छता शुल्क को हटाये बिना दूसरा सफाई कर लगाये जाने से स्पष्ट है कि यह ग्वालियर शहर के नागरिकों पर आर्थिक बोझ बढाने वाला निर्णय है| जिससे आम नागरिक की आर्थिक एवं मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा| हमारा ग्वालियर शहर स्वच्छ बने और स्वच्छता में नंबर वन रहे, यह हम सभी की मंशा है और इसमें  समय-समय पर चेम्बर के माध्यम से ग्वालियर के व्यापारी एवं उद्योगपति अपनी उल्लेखनीय भूमिका अदा करते रहते हैं| वर्तमान में जितना समाचार पत्रों में छपा है उसके मुताबिक यह सालाना सफाई शुल्क की दरें हैं व अति अत्याधिक हैं और यह शुल्क, जब तक शुल्क लेने के बाद सफाई की गारंटी नहीं दी जाये और सफाई नहीं होने पर मुआवजे का प्रावधान न हो तब तक ऐसे किसी भी शुल्क को किसी निकाय/संस्था/समूह को लगाने का अधिकार नहीं है।


वर्तमान प्रस्ताव में सफाई न होने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं किया गया है| वहीं ऐसी किसी भी प्रकार की सुविधायें जो शुल्क देकर प्रदान की जायें, वह लेना या न लेना वह उस सेवा प्राप्त करने वाले व्यक्ति/संस्था/समूह की मर्जी पर निर्भर होकर वैकल्पिक होता है| इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जबकि समाचार पत्र में जो छपा है, वह स्पष्ट नहीं है।


चेम्बर ने इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हुये मांग की है कि इसकी वसूली तत्काल प्रभाव से रोकी जाये और तत्काल प्रभाव से रोकने के बाद सफाई शुल्क के पूरे प्रस्ताव की प्रति चेम्बर ऑफ कॉमर्स को प्रदान की जाये और प्रदान करने के बाद हम व्यापारी-उद्योगपतियों के साथ एक मीटिंग कर उस पर विस्तार से चर्चा करने के उपरांत इस पर सुझाव आमंत्रित करेंगे और इसके बाद निगम प्रशासक  महोदय के साथ बैठकर चर्चा करेंगे, जिससे एक युक्तियुक्त हल निकाला जा सके।


पदाधिकारियों ने कहा है कि हमें विश्‍वास है कि हमारे इसे आग्रह को स्वीकार किया जाएगा और चेम्बर को किसी भी तरह के आंदोलन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।