नगर कीर्तन में हुए धमाके में मारे गए दो किशोरों का अंतिम संस्कार

नगर कीर्तन में हुए धमाके में मारे गए दो किशोरों का अंतिम संस्कार


अस्पताल में एक और ने तोड़ा दम


तरनतारन / तरनतारन में रविवार को नगर कीर्तन के दौरान हुए धमाके में मारे गए दोनों किशोरों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं रविवार को अस्पताल में भर्ती गुरकीरत नामक एक व्यक्ति ने भी दम तोड़ दिया। धमाके में मौके पर मारे गए दोनों बच्चे अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। इस दौरान हलका खेमकरन से कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर और शिरोमणि अकाली दल से पूर्व विधायक प्रोफेसर विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि प्रशासन को आतिशबाजी पर रोक लगानी चाहिए, जिससे आगे से ऐसी घटना न घटे।


दरअसल, 10 फरवरी को बाबा दीप सिंह का जन्मदिवस है। इसके संबंध में शनिवार को जब नगर कीर्तन बाबा दीप सिंह जी के शहीदी स्थल टाहला साहिब के लिए निकला तो सबसे आगे ट्राॅली चल रही थी। इसमें सवार गुरप्रीत सिंह (11) और मनदीप सिंह (14) निवासी पहुविंड पटाखा पार्टी को आतिशबाजी पकड़ा रहे थे। ये दोनों बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ कीर्तन में शामिल हुए थे। पटाखों की ट्राॅली में करीब 6 किलो खुला पोटेशियम रखा था। इसी बीच, नगर कीर्तन जब गांव डालेके पहुंचा तो पटाखों की चिंगारी खुले पोटेशियम में गिर गई और धमाका हो गया। ब्लास्ट इतना भीषण था कि दोनों बच्चों की मौके पर ही मौत गई, जबकि ट्राॅली के परखच्चे उड़ गए।


मरने के बाद भी कई की जान बचा गए दोनों बच्चे
हादसे में जख्मी चश्मदीद अनमोल प्रीत ने भास्कर को बताया कि- मैं नगर कीर्तन के आगे-आगे साफ सफाई की सेवा कर रहा था। इसी बीच मैं कभी-कभी ट्राले पर आकर बैठ जाता। मनदीप व गुरप्रीत पटाखों की बोरियों और पोटेशियम के पास ही ट्राॅली पर बैठकर आतिशबाजी देख रहे थे। सभी अगरबत्ती के साथ पटाखे चला रहे थे। इसी दौरान चिंगारी पटाखों पर आकर गिर गई और जाेरदार धमाका हो गया। इसके बाद मैं दूर जाकर गिरा, मेरी पीठ पूरी तरह से झुलस गई। दोनों बच्चाें ने धमक को अपने में समेट लिया और दोनों की मौत हो गई। अगर दोनों बच्चों बोरियों पर न बैठे होते तो यह धमाका ज्यादा बड़ा होता और ट्राॅली पर बैठे दर्जन भर लोगों की जान ले लेता। लेकिन बच्चों के कारण कई लोगों की जान बच गई।