कोर्ट ने समझाया, बेटे को मां के साथ पिता के प्यार की भी जरूरत

कोर्ट ने समझाया, बेटे को मां के साथ पिता के प्यार की भी जरूरत


और फिर एक हो गए पति-पत्नी


ग्वालियर / पति से मामूली विवाद के कारण शबनम (परिवर्तित नाम) बेटे के साथ दो साल से मायके रह रही थी। पति ने पत्नी को साथ रखने के लिए कुटुंब न्यायालय में दावा पेश किया। अतिरिक्त कुटुंब न्यायाधीश हितेंद्र सिंह सिसौदिया ने दोनों को समझाइश देते हुए कहा कि बेटे को मां के साथ-साथ पिता के प्यार की जरूरत है। छोटी-छोटी बातों को तूल देने से तीनों के भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा।
इस पर दोनों ने फिर से साथ रहने पर सहमति जताई और एक दूसरे को फूलमाला पहनाकर अच्छे से रहने का भरोसा दिलाया।


समझौते से 1729 मामले निपटे
शनिवार को विभिन्न न्यायालयों में आयोजित लोक अदालत में आपसी समझौते से सैकड़ों प्रकरणों का निराकरण किया गया। हाईकोर्ट में जस्टिस एसए धर्माधिकारी ने दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। यहां आपसी सहमति से 213 प्रकरणों का निराकरण किया गया। मोटर क्लेम दुर्घटना क्लेम अपील प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को लगभग 1.84 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई। जिला न्यायालय में कुल 9.71 करोड़ रुपए की वसूली और अवार्ड पारित कर पक्षकारों को लाभांवित किया गया। इसके अलावा मोटर दुर्घटना दावा समेत अन्य मामलों में भी कुल 7.52 करोड़ रुपए का अवार्ड पारित किया गया, जिसमें 464 लोग लाभांवित हुए। प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में नगर निगम को 59.37 लाख रुपए की रिकवरी प्राप्त हुई। जिसमें कुल 1729 प्रकरण निराकृत हुए। वहीं बिजली विभाग को 24.64 लाख रुपए की रिकवरी प्राप्त हुई।