भिंड जिले में पुलिस और प्रशासन ने एक बड़े डेयरी प्लांट में नकली दूध की बनाने वाले करोबार का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे. करोबारी नकली दूध बनाकर बाजार में सप्लाई करते थे. यही नहीं, करोबारी नकली दूध कई तरह के खतरनाक केमिकल से बनाते थे जिसके लम्बे समय तक इस्तमाल करने पर जान को भी खतरा हो सकता है।
पुलिस और प्रशासन ने डेयरी बड़ी मात्रा में नकली दूध बनाने की सामग्री जब्त की. जिसमें सैकड़ों बोरियों में भरा पाउडर, सिंथेटिक दूध बनाने का 300 लीटर केमिकल सहित मिलावटी दूध बनाने की अन्य सामग्री भी बरामद हुई है।
जिला पुलिस और प्रशासन के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. दरअसल, भिंड के फूप कस्बे के रामनगर इलाके में संचालित एक डेयरी में लंबे समय से नकली दूध बनाने का कारोबार चलाया जा रहा था जिसकी किसी को खबर नहीं थी. मुखबिर की सूचना के जरिए पुलिस प्रशासन को उनके अड्डे के बारे में जानकारी मिल गई. जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर पूरे मामले का खुलासा किया।
लहार के के एसडीएम ओम नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस बल ने फूप कस्बे के रामनगर इलाके में संचालित सुधीर डेयरी पर छापा मारा.जिस वक्त छापा मारा गया उस दौरान भी भारी मात्रा में सिंथेटिक दूध तैयार किया जा रहा था. वहीं, डेयरी से टीम को दूध से भरा हुआ टैंकर भी मिला जिसका सैम्पल लिया गया है. दोषी पाए जाने पर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छापे के दौरान जब फूप बीएमओ डॉ. डीके शर्मा ने एथेनॉल के डिब्बे देखते तो वो हैरान रह गए. उन्होंने बताया कि इतना प्योर स्प्रिट अस्पतालों में घाव साफ करने और ऑपरेशन के औजार साफ करने में होता है. आमतौर पर एथेनॉल या एल्कोहल का उपयोग शराब में किया जाता है।
एसडीएम ओम नारायण सिंह ने बताया कि कारखाने के पास इतनी तेज गंध आ रही थी कि खड़ा होना मुश्किल था. यह काम काफी समय से धड़ल्ले से चल रहा था इसके बावजूद किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई. नकली दूध को सड़क पर बहाकर नष्ट कराया गया है. डॉक्टर एस.एस जैन बताते हैं कि एथेनॉल स्प्रिट होता है. यदि इसका सेवन लगातार किया जाए तो आंत, लीवर, गुर्दे संबंधी बीमारियां होती हैं. यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है।