देश के लिए मॉडल बनेगा भोपाल

देश के लिए मॉडल बनेगा भोपाल


यहां बाघ व इंसानों के बीच 15 साल से काेई संघर्ष नहीं


भाेपाल / भाेपाल अब तालाें के शहर के नाम से नहीं बाघाें के नाम से भी पहचाने जाने वाला है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) ने माना कि भाेपाल के आसपास घूम रहे बाघ न केवल इंसानाें के साथ मिल जुलकर रह रहे हैं, बल्कि यहां के ईकाे सिस्टम के सुधार का कारण भी बने हंै। इसके लिए डब्ल्यूआईआई की एक टीम बाघाें पर रिसर्च कर रही है। अध्ययन में वह यह जानने की काेशिश कर रहे हंै कि भाेपाल जैसे घनी अाबादी के शहर में 15 सालाें से बाघ अाैर इंसान मिलजुल कर कैसे रह रहे हंै। इनके बीच संघर्ष की स्थिति क्याें नहीं बनी? इस अध्ययन के बाद भाेपाल काे बाघाें के लिए सुरक्षित अाैर संरक्षित माॅडल के रूप में देश में प्रस्तुत किया जाएगा।


घनी आबादी के आसपास बाघों का मूवमेंट
भाेपाल के पांच किमी के दायरे में बाघाें का मूवमेंट हाे रहा है। यहां घनी अाबादी है। इसके बावजूद यहां कभी भी वन्य प्राणी अाैर इंसानाें के बीच संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। इसकाे लेकर डब्ल्यूआईआई मानव बाहुल्य परिदृश्याें में बाघाें के सह अस्तित्व विषय पर रिसर्च करवा रहा है। संस्थान का मानना है कि जहां एक अाेर बाघ, तेंदुअा बढ़ने के बाद देश में इंसान अाैर वन्यप्राणियाें के बीच संघर्ष बढ़ रहा है, वहीं भाेपाल एेसा शहर है जहां पर अभी तक दाेनाें के बीच द्वंद्व की स्थिति नहीं बनी है।


टीम करेगी रिसर्च


डब्ल्यूआईआई ने एक टीम बाघाें अाैर इंसानाें के सह अस्तित्व का अध्ययन करने के लिए भेजी है। इसके लिए भाेपाल, सीहाेर अाैर अाैबेदुल्लागंज वन डिवीजन के कर्मचारी रिसर्च स्काॅलर से मिलकर अपने अनुभव बताएंगे। वहीं, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट मैदानी अमले काे इंसान अाैर वन्य प्राणियाें के बीच संघर्ष राेकने के उपाय भी बताएंगे।  रवींद्र सक्सेना,  सीसीएफ, भोपाल


वर्ष 2019...मप्र में बाघ और इंसानों के बीच संघर्ष में 45 लोगों की हो चुकी है मौत, प्रदेश की स्थिति




































वर्ष


माैत    घायल
 
2015    52    1442
 
2016     52    1308
 
2017     42    1025
 
2018    34    1082
 
2019     45    1235

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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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