डकैतों का खौफ देखिए, एटीएम-सेवा केंद्र-पंचायत भवनों पर ताले

डकैतों का खौफ देखिए, एटीएम-सेवा केंद्र-पंचायत भवनों पर ताले


पुलिस चौकी तक में कोई नहीं बैठता


जयपुर / डकैत जगन गुर्जर के घर से महज 2-3 किलाेमीटर दूर बाबू महाराज नाम की पुलिस चाैकी, दस्यु प्रभावित क्षेत्र में दो दशक से ज्यादा पुरानी यह चाैकी भले ही अस्थाई है, लेकिन यहां डकैतों का खौफ कायम है। यही नहीं, यहां के सेवा केंद्रों, एटीएम और पंचायत भवनों पर भी ताले लगे हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि काेदिन्ना गांव में बसई डांग के अंतर्गत आने वाली इस चाैकी पर लाेकदेवता बाबू महाराज का मेला भरता है, तब यहां पर अस्थाई पुलिसकर्मी तैनात हाेते हैं।


इस क्षेत्र में लगने वाली चाैकी काे पुलिस विभाग ने 16-17 किलाेमीटर दूर आठ मील नामक स्थान पर शिफ्ट कर रखा है। दूसरी चाैकी साेने का गुरजा में है। इस क्षेत्र में हालात ये है कि शाम हाेने के बाद बाहरी व्यक्ति का भ्रमण करना खतरे से खाली नहीं है। इलाके की 80 प्रतिशत आबादी कच्चे घराें रहती है। भास्कर दस्यु प्रभावित इस इलाके में दो दिन तक रुका और 40 किलोमीटर इलाके के 25 गांव-ढाणियों में विकास के हालात जाने। पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट-



इनकी लाइफ चल पड़ेगी अगर ये काम हाे जाएं ताे



  • चंबल लिफ्ट योजना से जाेड़ा जाए ताे पानी की किल्लत खत्म हाेगी।

  • नई पुलिस चौकी और हथियारों से लैस पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए।

  • सरकार युवाओं काे जागरूक करे। रोजगार दे। स्कूल क्रमोन्नत हाें और एक या दाे सरकारी काॅलेज या आईटी केंद्र स्थापित हाे।


अपराधियों का विश्वास- पुलिस यहां भय में है


राजस्थान पुलिस का स्लोगन है- आमजन में विश्वास, अपराधियाें में भय, लेकिन काेदिन्ना गांव में बसई डांग के अंतर्गत आने वाली इस चाैकी का सूना हाल कुछ और ही बयां कर रहा है। इलाके में पुलिस भयग्रस्त रहती है। अपराधियों का ऐसा विश्वास कायम है। मेले के दौरान जब यहां भीड़ रहती है तभी पुलिस वाले भी अस्थाई तौर पर यहां तैनात किए जाते हैं।


कोदिन्ना : पंचायत भवन गोशला
बाड़ी पंचायत में काेदिन्ना, रूधेड़ा सेवर पाली आदि में करीब 25 गांव-ढाणियाें के पंचायत भवन का हाल बुरा मिला। कोदिन्ना के निकट पंचायत भवन के गेट पर लकड़ियों से सीलिंग कर रखी थी। बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का स्लोगन मिटा हुआ था। भवन के बाहर गाय-भैंसें बंधी दिखीं। अंदर गाेबर और गंदगी थी।


भभूतिपुरा : एटीएम पर ताला
भभूतिपुरा के निकट राजीव गांधी सेवा केंद्र में एयू स्माॅल बैंक का एटीएम है। मौके पर कोई भी कर्मचारी नहीं मिला। मंगलवार-बुधवार को भी यहां ताला लगा था। ग्रामीणों का कहना था कि दाे-चार दिन में काेई संभालने आ जाता है। भवन के बाहर भी लाेगाें ने खूंटे गाड़ रखे हैं। यहां भी पशु बंधे रहते हैं।


गांवों की ओर सड़क तो जाती है, लेकिन इस रास्ते पर विकास छूट जाता है



  • परिवहन- 40 किमी इलाके में काेई सरकारी या निजी बस सेवा नहीं है। डांग क्षेत्र के अधिकांश गांवाें में आज भी लकड़ियाें से खाना बनता है। ऊंट पर रखकर दूर बीहड़ों से लकड़ियां लाते हैं। फल-सब्जी के लिए भी 20 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ रहा है।

  • पेयजल- हालात देखिए, पास से चंबल गुजर रही है, लेकिन भूजल स्तर 800 से 1000 पर है। जलदाय विभाग ने बोरवेल से पानी की व्यवस्था की कोशिश की, लेकिन थ्री फेस बिजली नहीं हाेने के कारण घर-घर पानी नहीं पहुंच रहा। 

  • शिक्षा- डांग क्षेत्र में एक भी काॅलेज नहीं है। सेवर से बाड़ी के सरकारी स्कूल की दूरी ताे 40 किमी है।

  • स्वास्थ्य- 40 किमी क्षेत्र में कोई निजी अस्पताल नहीं, 2 पीएचसी हैं। डाॅक्टर शाम बाद होते नहीं। इमरजेंसी में मरीजों को बाड़ी ले जाना पड़ता है।