दागी अफसरों पर 'मेहरबान' कमलनाथ सरकार, सजा देने के बजाए कर रही है ये काम
भोपाल। मध्य प्रदेश में दागी अफसरों पर मेहरबानी की जा रही है. जी हां, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों में फंसने के बाद भी अफसरों को हटाने की जगह अच्छी पोस्टिंग दी गई है. हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसने शासन-प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. यह हाल तब है, जब लोकायुक्त ने इन भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की है. इसी वजह से भाजपा ने कमलनाथ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
इन पर है सरकार मेहरबान:-
आबकारी जैसा मालदार विभाग हो या फिर पुलिस, यहां भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को लेकर कुछ अफसरों पर कार्रवाई हुई, लेकिन इनको सजा के बजाए अच्छी पोस्टिंग देकर मेहरबानी की गई है।
केस नंबर-01:-
इंदौर के सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे पर कुछ महीनों पहले लोकायुक्त ने छापेमार कार्रवाई की थी. विभाग ने कार्रवाई करने की जगह उनको भोपाल संभाग के उड़नदस्ते जैसे महत्वपूर्ण पद का प्रभारी बना दिया है।
केस नंबर-02:-
दूसरा मामला भी आबकारी विभाग से जुड़ा है. लोकायुक्त ने धार जिले के आबकारी अधिकारी पराक्रम सिंह पर भी छापा मारा था. इस कार्रवाई के बाद विभाग को उनको हटाने के लिए लिखा गया, लेकिन विभाग ने हटाने की जगह उन्हें खरगौन का जिला अधिकारी बना दिया।
केस नंबर-03:-
तीसरा मामला पुलिस विभाग से जुड़ा है. बैतूल जिले के भैंसदेही में एसडीओपी एमएस बड़गूजर को पिछले साल नंवबर में आठ हजार की रिश्वत लेते रंग हाथों पकड़ा गया था, लेकिन उन्हें न ही तत्काल हटाया गया और न ही विभाग के स्तर पर कोई कार्रवाई की गई।
केस नंबर-04:-
चौथा मामला जल संसाधन विभाग का है. इस विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर पिछले साल जुलाई में छापा पड़ा, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. शासन-प्रशासन उन पर इस कदर मेहरबान है कि उन्हें हटाया नहीं किया बल्कि अभी भी वह उसी जगह पर पदस्थ हैं।
केस नंबर-05:-
पांचवां मामला सतना जिले का है. लोकायुक्त ने जिले के चित्रकूट में जनपद सीईओ रमाकांत शुक्ला के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की. आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ, लेकिन उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बीजेपी ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल:-
भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों पर कार्रवाई नहीं करने करने को लेकर बीजेपी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि विपक्ष में जब कांग्रेस थी, तब बहुत हंगामा करती है, लेकिन अब सरकार में आने के बाद कांग्रेस भ्रष्ट अधिकारियों को बचा रही है. उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है. कांग्रेस का सुशासन और नियम कानून से कोई मतलब नहीं है. जबकि कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि मलाईदार पोस्ट पर जिन अधिकारियों को बैठाया गया है, उन अफसरों की जांच होना चाहिए और ऐसे अफसरों पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।