छात्र क्रिकेट, हॉकी, खेलने के साथ आईपीएल जैसे इवेंट आयोजन की भी पढ़ाई करेंगे

छात्र क्रिकेट, हॉकी, खेलने के साथ आईपीएल जैसे इवेंट आयोजन की भी पढ़ाई करेंगे


सूरत / वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी अब स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की डिग्री देगी। छात्र क्रिकेट, हाॅकी, टेनिस जैसे खेल खेलने के साथ आईपीएल जैसे इवेंट आयोजित करने की भी पढ़ाई कर सकेंगे। इस कोर्स की पढ़ाई इसी साल से शुरू की जाएगी। स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की डिग्री देने वाली यह राज्य की पहली यूनिवर्सिटी होगी। यूनिवर्सिटी में क्रिकेट, हाॅकी, टेनिस के स्तरीय ग्राउंड तैयार हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं वाला इंडोर स्वीमिंग पूल आदि भी तैयार हैं।


इंटीग्रेटेड कोर्स भी चलाएगी
यूनिवर्सिटी इंटीग्रेटेड कोर्स भी चलाएगी, जिसमें डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई होगी। छात्र प्रैक्टिकल के साथ थियारिकल पढ़ाई भी कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ने भारतीय बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता जतिन परांजपे को अपना स्पोर्ट्स एडवाइजर नियुक्ति किया है।


कैंपस में ही स्पोर्ट्स विभाग
यूनिवर्सिटी कैंपस में ही स्पोर्ट्स विभाग शुरू किया जाएगा, जिसे एक इंस्टीट्यूट के साथ जोड़ा जाएगा। क्रिकेट, एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल और स्वीमिंग जैसे खेलों की पढ़ाई होगी। अाने वाले समय में अन्य खेल भी जोड़े जाएंगे। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। पहले खेलों के लिए छात्रों को तैयार करेंगे। उसके बाद उन्हें खेल मैनेजमेंट के बारे में सिखाया जाएगा।


बीसीसीआई के पूर्व सेलेक्टर जतिन बने एडवाइजर
यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सेलेक्टर जतिन परांजपे को स्पोर्ट्स एडवाइजर नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। परांजपे ने हां कर दी है। कुलपति शिवेंद्र गुप्ता ने कहा कि वीर नर्मद गुजरात की पहली यूनिवर्सिटी होगी, जो छात्रों को खेलने की सुविधा के साथ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की डिग्री देगी। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे अगले सत्र में शुरू कर दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई है।

सर्वे करने के बाद लिया कोर्स शुरू करने का निर्णय
यूनिवर्सिटी की तरफ से किए गए सर्वे में पता चला कि छात्र खेल तो खेलना चाहते हैं, लेकिन पैसे कमाने के लिए दूसरा व्यापार कर लेते हैं। अब छात्रों को खेलने के साथ पैसे कमाने की भी तरकीब सिखाई जाएगी। सर्वे में यह भी पता चला था कि क्रिकेट, फुटबाल अादि खेलोें से व्यापार कैसे जुड़ा हुआ है। दक्षिण गुजरात में ऐसा कोई इंस्टीट्यूट या अकादमी नहीं है, जो छात्रों को पढ़ाई के साथ खेल भी सिखाए। इसकी वजह से उन्हें खेल को छोड़कर दूसरा काम करना पड़ता है। अब यूनिवर्सिटी उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी।