बिजली नहीं कंप्रेस्ड हवा से चलेंगे राेबाेट के हाथ, इंसानों जैसा मूवमेंट

बिजली नहीं कंप्रेस्ड हवा से चलेंगे राेबाेट के हाथ, इंसानों जैसा मूवमेंट


एमएनआईटी की रिसर्च काे पेटेंट


जयपुर / जल्द राेबाेट के ऐसे हाथ नजर आएंगे जिन्हें ऑपरेट करने के लिए बिजली की नहीं बल्कि कंप्रेस्ड हवा की जरूरत हाेगी। एमएनआईटी की टीम ने राेबाेट के कंप्रेस्ड हवा से चलने वाले हाथ तैयार किए हैं। अब इस तकनीक काे पेटेंट भी मिल गया है। हालांकि इसमें 10 साल लग गए। एमएनआईटी की टीम की ओर से तैयार इस ‘न्यूमेटिक ट्वीसल’ की लंबाई एक फुट और कीमत करीब 10-15 हजार रुपए है।



मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के आचार्य डॉ. गोपाल अग्रवाल के साथ केन्द्र सरकार के क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत पुणे के सदानंद देशपांडे ने इसका अविष्कार किया है। दोनों प्रोफेसर्स का कहना है कि डिवाइस का प्रयोग राेबाेट के हाथ के साथ मेडिकल, डिफेंस के अलावा कार मेन्यूफेक्चरिंग जैसी इंडस्ट्रीज में उपयोग किया जा सकेगा।


इसके अलावा वाॅल्व को चालू-बंद करने जैसे काम में प्रयोग कर सकते हैं। इनका मूवमेंट भी बिल्कुल इंसान के हाथों की तरह होगा। कंप्रेस्ड एयर से चलने से बिजली की बचत हाेगी।


‘न्यूमेटिक ट्वीसल’ पर काम करता है डिवाइस


डॉ. गोपाल अग्रवाल व सदानंद देशपांडे ने बताया कि डिवाइस ‘न्यूमेटिक ट्वीसल’ ब्रेडेड न्यूमेटिक एक्चुएटर (बीपीए) से काम करता है। इस बीपीए में एक रबड़ ट्यूब के उपर ब्रेडेड परत होती है। दोनों बिना जोड़ वाले होते हैं। ट्यूब काे दोनों तरफ डिस्क से बंद किया जाता है। एक बाजू से संकुचित वायु के लिए जगह छोड़ी जाती है, जिसे पोर्ट कहते हैं। संकुचित वायु के कारण ट्यूब का व्यास बढ़ता है और यह फूल जाती है। उसी समय लंबाई कम हो जाती है। नए पेटेंट ‘न्यूमेटिक ट्वीसल’ में इसी संकुचन को दो पाइप, नाली, राेलर सांचा के जरिए आंशिक रूप में घुमाव और टोक में बदला गया है। इसे राेटाे स्काेपिक कहा जाता है। यह एकमात्र डिवाइस है जो मनुष्य के हाथ के मूवमेंट, लीनियर माेशन, रोटेशनल माेशन की तरह काम कर सकता है और रोबोट में उपयोग किया जा सकता है। 95% उपकरणों मे कम से कम दो बीपीए की जरूरत होती है, लेकिन इस ‘न्यूमेटिक ट्वीसल’ में केवल एक बीपीए की जरूरत होती है।