भिलाई स्टील प्लांट के आसपास के इलाके में इस्पात से जुड़े स्थानीय उद्योगों की मदद करेगा सेल

भिलाई स्टील प्लांट के आसपास के इलाके में इस्पात से जुड़े स्थानीय उद्योगों की मदद करेगा सेल


भिलाई / छत्तीसगढ़ स्थित इस्पात मंत्रालय बीएसपी (भिलाई स्टील प्लांट) सहित सेल के पांच एकीकृत इकाइयों ने आसपास इलाके में स्थापित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उद्योगों को मदद करने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी कम ब्याज पर लोन के साथ-साथ राॅ मटेरियल जैसी सुविधाएं तक उपलब्ध कराएगा। योजना का मकसद स्थानीय उद्योगों की सहायता और विकास के जरिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करने उत्प्रेरक के तौर पर काम करना है।


प्रस्तावित एकीकृत इस्पात केंद्र में छह राज्य शामिल


प्रस्तावित एकीकृत इस्पात केंद्र में ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, प. बंगाल और उत्तरी आंध्र प्रदेश के राज्य शामिल हैं। इनके जरिए पूर्वी भारत के त्वरित विकास की परिकल्पना की गई है। इसके लिए पीएम ने पूर्वोदय मिशन शुरू किया है। जिसे इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 11 जनवरी को कोलकाता में लाॅन्च किया। उस वक्त योजना में केवल राज्यों का उल्लेख किया गया था, जहां योजना के तहत स्टील से जुड़े सहायक उद्योगों को सहायता करना हैं। प्रबंधन ने उन स्थानों का भी चयन कर लिया है जिसमें भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला, बोकारो शामिल हैं।


5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ व्यवस्था में रहेगी भूमिका


सेल ने योजना के जरिए समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास हासिल करने के लिए पूर्वोदय में भागीदारी की शुरुआत की है। इस्पाती इलाकों का विकास सेल के साथ नाम की इस योजना का उद्देश्य उन जिलों का समग्र के लिए योगदान करना है, जहां ये संयंत्र स्थित हैं। इसके साथ ही यहां के स्थानीय उद्योगों की सहायता और विकास के जरिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना तथा रोजगार पैदा करने के लिए एक उत्प्रेरक के तौर पर काम करना है। इन पहलों के साथ भारतीय इस्पात क्षेत्र भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में भूमिका निभाने तैयार है।


नए उद्योगों को स्थापित करने प्रोत्साहित भी करेंगे


पूर्वोदय योजना सेल के भिलाई, राउरकेला, बोकारो, दुर्गापुर और बर्नपुर इस्पात संयंत्र के क्षेत्रों में स्थित स्थानीय एमएसएमई के उन क्षेत्रों के लिए है, जहां विशेष मूल्य निर्धारण, विशेष वाणिज्यिक शर्तों, इनपुट की उपलब्धता, आसान वित्त पोषण सहायता और स्थानीय एमएसएमई को तकनीकी जानकारी प्रदान करके उन्हें यहां आने के लिए प्रोत्साहित करना है। सेल उन एमएसएमई के लिए इन्वेंट्री की व्यवस्था करेगा, जो स्कीम के तहत अपने मासिक उपभोग के आधार पर पंजीकृत हैं ताकि उन पर इन्वेंट्री रखने और बड़ी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का बोझ कम हो।


सहायक उद्योगों के लिए वरदान साबित हो सकती है यह योजना 


एंसीलरी एसोसिएशन के महासचिव अरविंदर सिंह खुराना का कहना है कि पूर्वोदय मिशन सहायक उद्योगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। वर्तमान में सहायक उद्योग गहरे संकट में हैं। काम नहीं मिलने के कारण उद्योग खाली पड़े हैं। खुराना ने सुझाव दिया कि स्कीम में यह भी जोड़ा जाए कि एमएसएमई इकाइयों को कम से कम दाम पर प्लांट डिमांड के मुताबिक उत्पाद उपलब्ध कराए। साथ ही क्रेडिट नोट की भी सुविधा भी दी जाए। जिससे उनका प्रॉफिट सुनिश्चित हो सके। काम में भी स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता मिले।


प्रचार और परामर्श के लिए भी कंपनी देगी मदद


सस्ता फंड उपलब्ध कराने के लिए, सेल कंपनी की चौनल वित्त पोषण योजनाओं के लिए सुविधा प्रदान करेगा, जिसमें पात्र उपभोक्ताओं को अपेक्षाकृत कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त हो सकता है। इन गैर-मूल्य आधारित प्रोत्साहनों में लगभग 200-400 रुपए प्रति टन की सीमा में लाभ के अवसर हैं। इन लाभों के अलावा, स्थानीय इस्पात संयंत्र कौशल विकास, ज्ञान वृद्धि, स्थानीय प्रचार और अन्य परामर्श आदि में मदद करेंगे। नए उद्योगों के लिए जो इन संयंत्र आधारित जिलों में आने जा रहे हैं, के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन योजना द्वारा बढ़ाया जाएगा।


आसान शर्तों के साथ उपलब्ध कराएंगे सुविधाएं


इसके अलावा, गोदाम से डिलीवर किए जा रहे माल के लिए उसकी कीमत पर विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इन प्रोत्साहनों के अलावा, एमएसएमई को उसी ब्रांच के बड़े ग्राहकों की ही तरह प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना के तहत एमएसएमई के लिए 700-800 रुपए प्रति टन स्टील की राहत प्रदान करने की उम्मीद है। इन मूल्य आधारित प्रोत्साहनों के अलावा, सेल मात्रा आधारित टर्नओवर छूट, ब्याज मुक्त ऋण, नकद छूट और स्थिरता लाभ के साथ एक लचीली वार्षिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है।


उद्यमियों को हिस्सा लेने आमंत्रित किया जाएगा


इस पहल के साथ सेल राष्ट्र निर्माण की अपनी इस विरासत को आगे भी जारी रखेगी। उद्यमियों को इस पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है और इस्पात क्षेत्रों के पास सर्वांगीण विकास के लिए इस्पाती इरादे के साथ सेल की मदद के लिए आगे आएं।


अनिल कुमार चौधरी, चेयरमैन, सेल