बेटी की मौत ने मां को अंगदान के लिए प्रेरित किया

बेटी की मौत ने मां को अंगदान के लिए प्रेरित किया


3 साल में 32 परिवारों को मनाया


राजकोट / शहर में 2016 में दस साल में ब्रेन डेड से मौतें हुई। इसमें से केवल 42 परिवारों ने अंगदान किए। फिर केवल 3 साल में ही 32 परिवारों को अंगदान के लिए मनाया। यह सब किया भावना बेन एवं उसकी मंडली ने। भावना बेन की 16 साल की बेटी की मौत ब्रेन डेड से हो गई थी, तब उसने उसके अंगों का दान कर दिया। उसके बाद उनके लिए एक मिशन ही बन गया।


2016 में हुई थी बेटी की मौत
भावना बेन की 16 साल की बेटी राधिका की 2016 के अप्रैेल में अचानक तबियत बिगड़ी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि उसके मस्तिष्क में गांठ है। उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के कुछ ही घंटों बाद गांठ फट गई। जिससे राधिका का ब्रेन डेड हो गया। दु:ख की इस घड़ी में डॉ. विरोजा, डॉ. करमटा और ड. वंजारा ने भावना बेन से राधिका के अंगों को दान में देने के लिए मनाया। भावना बेन की अनुमति के बाद राधिका का दिल, किडनी, आंखें और लिवर निकालकर जरूरतमंद के लिए सुरक्षित रख लिया।


डॉक्टरों के समझाने के बाद बना मिशन
राधिका नहीं रही, पर उसके अंग आज भी कई लोगों में जीवित हैं। राधिका के अंगों के दान के बाद डॉक्टर्स ने भावना बेन को समझाया कि लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करें। इससे कई लोगों कीे जिंदगी बच जाएगी। इसके बाद भावना बेन के लिए यह एक मिशन बन गया। भावना बेन बताती हैं कि जब भी हॉस्पिटल से किसी के ब्रेन डेड की सूचना मिलती, तो मैं उस परिवार के पास जाकर उन्हें समझाती, उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित करती। मैं और मेरे पति मनसुख भाई दोनों की अलग-अलग कंपनी में काम करते हैं। मुझे इस काम के लिए पति ही नहीं, बल्कि बेटे का भी सहयोग मिलता है। पिछले 3 सालों में हमने 32 लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया है। हमारा यह काम आज भी जारी है। इससे एक ऐसा सुकून मिलता है कि बताया ही नहीं जा सकता। मेरी राधिका आज भले ही शारीरिक रूप हमारे बीच नहीं है, पर उसके अंग आज भी कई लोगों में जीवित हैं। इसलिए जाते-जाते बेटी ने हमें ऐसी प्रेरणा दी कि हम आज लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं।


Popular posts
MP पुलिस के जांबाज अफसर ओर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहिंदर कंवर परिणय सूत्र में बंधे
Image
बिजली के बिलों में दी जाने वाली रियायतों की छोटे व्यापरियों ने की सराहना
प्रशासन ने सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोला बाजार, व्यापारी नहीं चाहते खोलना
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
Image